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30-Jan-2023 02:13 PM
By First Bihar
PATNA: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज एक बार फिर से कसम खाई है कि उन्हें मर जाना कबूल है लेकिन बीजेपी के साथ जाना कबूल नहीं है। सीएम नीतीश की इस कसम पर बीजेपी ने बड़ा पलटवार किया है। नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि नीतीश कुमार पहले भी कई बार कसम खा चुके हैं लेकिन उनकी बात पर अब किसी को भरोसा नहीं है। नीतीश की कथनी और करनी में बड़ा अंतर है। उन्होंने कहा कि नीतीश के पेट में जो दांत है उसे आजतक कोई गिन नहीं सका है। वहीं सीएम के यह कहने पर कि बीजेपी लालू को फंसाने में लगी है, इसपर उन्होंने कहा कि लालू के खिलाफ बीजेपी ने नहीं बल्कि उनके ही लोगों ने केस कराया था, इसके लिए नीतीश कुमार को माफी मांगना चाहिए।
भारतीय जनता पार्टी के साथ लोग कई बार आए भी हैं और कसम भी खाएं हैं। नीतीश ने पूर्णिया में कसम खाया था कि जहर पी लेंगे लेकिन भाजपा के साथ नहीं जाएंगे। नीतीश की कसम और वादे पर किसी को भरोसा नहीं रह गया है। नीतीश कुमार जो करते हैं वह बोलते नहीं है और जो बोलते हैं वह करते नहीं हैं। लोग तो यह भी कहते हैं कि नीतीश कुमार के पेट में दांत हैं, लेकिन इस बात को बहुत कम लोग ही जानते हैं। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी 2010 के पहले नीतीश के पेट का दांत गिनने में लगे थे लेकिन वे भी नहीं गिन पाए।फिलहाल उपेंद्र कुशवाहा भी नीतीश के पेट का दांत गिनने में असफल हो रहे हैं। यहां तक कि आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद भी नीतीश के दांत को नहीं देख सके हैं। ऐसे व्यक्ति के मन में क्या चल रहा है, वह क्या कहेगा और क्या करेगा इसपर कोई भरोसा नहीं है।
नीतीश कुमार कुछ भी बह लें बीजेपी अब अपने कंधे पर नकली चंद्रगुप्त को कभी नहीं बैठाएगी। जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संघ की नीतियों को स्वीकार करेगा वही भाजपा के साथ आएगा। वहीं नीतीश कुमार के यह आरोप लगाने पर कि बीजेपी लालू को फंसाने की कोशिश कर रही है, इसपर विजय सिन्हा ने कहा कि नीतीश कुमार को इसके लिए माफी मांगना चाहिए। नीतीश के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने ही हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक केस किया था। मुख्यमंत्री ललन सिंह से माफी मंगवाएं। केस करने वाले बीजेपी के लोग नहीं थे बल्कि नीतीश और लालू के ही लोग थे। लालू परिवार के खिलाफ केस ललन सिंह और आरजेडी के नेता शिवानंद तिवारी ने किया और मुख्यमंत्री कहते हैं कि बीजेपी ने लालू को फंसाया है।
बिहार में जंगलराज था या नहीं, नरसंहार होता था या नहीं यह नीतीश कुमार को बताना चाहिए। राज्य की जनता जंगलराज से कराह रही थी। अगर बिहार में चारा की चोरी नहीं हुई और खजाने को नहीं लूटा गया तो मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर खुलकर बहस करें। कल तक खुद मुख्यमंत्री जंगलराज के खिलाफ नारा बुलंद करते थे लेकिन आज उसे भूल चुके हैं। लालू-राबड़ी के जंगलराज से मुक्ति दिलाने के लिए बिहार की जनता ने सत्ता सौंपा था। बीजेपी ने चाणक्य बनकर नीतीश को चंद्रगुप्त बनाने का काम किया लेकिन आज उसी जंगलराज की गोद में जाकर बैठ गए हैं।
नीतीश कुमार जो आज कह रहे हैं कि बीजेपी के लोग चिंता में हैं तो वे जान ले कि अगर बीजेपी को कोई टेंशन होती तो वह भी किसी के साथ गलबहियां कर रही होती। नीतीश और लालू के बिहार में फैलाए गए जातिय जहर से लोगों को बचाने के लिए बीजेपी संकल्पित हो चुकी है। सबका साथ सबका विकास के नारे के साथ बिहार के हर जाति, धर्म और समाज के लोगों का विकास होगा। बिहार में सुशालन लाने के लिए नीतीश कुमार को लाया गया था लेकिन वे कुशासन की गोद में जाकर बैठ गए।