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02-Jan-2024 07:50 PM
By First Bihar
PATNA: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की कार्यशैली से बिहार के शिक्षक नाराज हैं। शिक्षकों ने एक दिवसीय भूख हड़ताल का फैसला लिया है। इसे लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर शिक्षकों ने विरोध जताया है। शिक्षकों की मांगों को लेकर बिहार शिक्षक संघ ने 20 जनवरी को आंदोलन का ऐलान किया है। पटना के गर्दनीबाग में सभी शिक्षक काली पट्टी बांधकर भूख हड़ताल पर बैठेंगे।
शिक्षक संघ ने शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेश को वापस लिये जाने की मांग की है साथ ही ऐच्छिक स्थानांतरण की प्रक्रिया को आसान बनाने की मांग दोहराई है। इसके अलावे शिक्षकों की रिटायरमेंट की सीमा 62 साल करने की मांग की है। बता दें कि केके पाठक बिहार की शिक्षा को सुधारने में लगे हैं। इसे लेकर जहां भी उन्हें कमियां दिख रही है उसे तुरंत हल करने का काम कर रहे है। उनके द्वारा आए दिन नये नये फरमान जारी किये जा रहे हैं जो शिक्षकों को नागवार गुजर रहा है। केके पाठक के खिलाफ अब शिक्षकों ने हल्ला बोला है। 20 जनवरी को भूख हड़ताल करने का शिक्षकों ने आह्वान किया है।
बता दें कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने यह निर्देश दिया कि बिहार के सरकारी स्कूलों के हेडमास्टर अब पहले की तरह छुट्टी नहीं देंगे। अब एक साथ अधिक से अधिक स्कूल के 10 फीसदी शिक्षकों को ही छुट्टी मिल सकेगी। शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक ने इसको लेकर सभी जिलों को आदेश जारी किया है। केके पाठक ने जिलों को निर्देश दिया है कि शिक्षकों के छुट्टी लेने की मनोवृत्ति पर रोक लगाएं और एक साथ स्कूल में 10 प्रतिशत से अधिक शिक्षकों की छुट्टी नहीं दी जाए, इसे सुनिश्चत करें।
एसीएस केके पाठक ने सभी डीएम और डीडीसी को आवश्यक पहल करने के लिए पत्र लिखा है। पत्र में केके पाठक ने कहा है कि 1 फरवरी से बोर्ड की वार्षिक परीक्षाएं शुरू होनी हैं। ऐसे में आवश्यक है कि सभी शिक्षक बच्चों को ठीक से पढ़ाएं और शिक्षकों की उपस्थिति स्कूलों में बेहतर हो। शिक्षकों पर सख्त अनुशासन बनाए रखने की आवश्यकता है। पाठक ने कहा है कि बिहार लोक सेवा आयोग से चयनित करीब 50 शिक्षक योगदान देने के बाद भगोड़े हो गए हैं। ऐसे भगोड़े शिक्षकों को सस्पेंड करते हुए, उनपर विभागीय कार्रवाई शुरू करें।
एसीएस ने कहा है कि बोर्ड परीक्षा को लेकर माध्यमिक स्कूलों में विशेष कक्षाएं आयोजित की जा रही हैं। इसका काफी फायदा मिल रहा है, अभिभावक भी इस कार्य की सराहना कर रहे हैं। ऐसे में यह आवश्यक है कि शिक्षकों की छुट्टियों पर नियंत्रण हो। उन्होंने नेशनल कॉरिकुलम फ्रेमवर्क फॉर स्कूल एजुकेशन 2023 की चर्चा की है और पूरी रिपोर्ट भी जिलों को भेजी है। उन्होंने कहा है कि फ्रेमवर्क में साफ बताया गया है कि प्रारंभिक विद्यालयों में प्रतिदिन सवा सात घंटे और माध्यमिक-उच्च माध्यमिक स्कूलों में 8.5 घंटे पढ़ाई का उल्लेख किया गया है।
बता दें कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक पिछले सप्ताह पटना हाईस्कूल, गर्दनीबाग के औचक निरीक्षण में पाया था कि बिहार लोक सेवा आयोग से अनुशंसित एवं नियुक्त शिक्षकों की काउंसिलिंग चल रही है, लेकिन इस हाईस्कूल में एकसाथ 10 प्रतिशत से ज्यादा शिक्षक छुट्टी पर हैं। जिसके बाद उन्होंने राज्य के सभी जिलों के डीएम को पत्र लिखकर इस दिशा में पहल करने को कहा है।