ब्रेकिंग न्यूज़

मौसी की बेटी से एकतरफा प्यार करने वाले सनकी ने बीच सड़क पर मचाया तांडव, विरोध करने पर चलाई बहन के ऊपर गोली हाजीपुर में बोले विजय सिन्हा..जिस दिन तेजस्वी अपने पिता लालू की राह को छोड़ देगा, उसी दिन देश से आतंकवाद का सफाया हो जाएगा Bihar Crime News: अंशु हत्याकांड का खुलासा, दोस्त ही निकला कातिल CISCE ISC ICSE Board Result 2025: ​ 10वीं-12वीं का रिजल्ट कल होगा जारी, इस तरह से करें चेक Mob Lynching: “पाकिस्तान जिंदाबाद” बोलने पर युवक की हत्या, 15 गिरफ्तार घरेलू विवाद ने लिया खौफनाक मोड़: पति ने पत्नी का सिर मुंडवाया, गाली-गलौज और धमकी के बाद FIR दर्ज Bihar News: बिहार के इस जिले में खुदाई के दौरान मिली अष्टधातु की बेशकीमती मूर्ति, दर्शन के लिए जमा हुई लोगों की भीड़ चारधाम यात्रा 2025: पहलगाम हमले के बाद उत्तराखंड में सुरक्षा के कड़े प्रबंध, 6000 पुलिसकर्मी और अर्धसैनिक बल की तैनाती राज्य में ‘स्वच्छ बिहार’ पोर्टल लॉन्च, स्वच्छता और पारदर्शिता की दिशा में एक बड़ा कदम Czech Princess's Lost Ring: राजकुमारी की 22 लाख की अंगूठी खोई तो 2 दिन में ढूंढ कर निकाला, ठुकराए इनाम के 5 लाख रुपए

BIHAR NEWS : जमानत मिलने के बाद भी जेल से नहीं छोड़ा, अब भरना होगा 1 लाख रुपया जुर्माना; पटना HC का आदेश

BIHAR NEWS : जमानत मिलने के बाद भी जेल से नहीं छोड़ा, अब भरना होगा 1 लाख रुपया जुर्माना; पटना HC का आदेश

22-Nov-2024 08:22 AM

By First Bihar

PATNA :  पटना हाईकोर्ट ने सरकारी कर्मचारियों की लापरवाही पर कारागार एवं सुधार सेवा विभाग पर एक लाख रुपये का आर्थिक दंड लगाया। इसके पूर्व कोर्ट ने उन्हें व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया था। हलफनामा दायर कर कोर्ट को बताया गया कि दोषी कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई हैं। उन्हें सस्पेंड कर जवाब-तलब किया गया है। 


 दरअसल, जस्टिस पीबी बजंथरी और जस्टिस एस बी प्रसाद सिंह की खंडपीठ ने राम निवास गुप्ता की ओर से दायर आपराधिक रिट याचिका पर सुनवाई की।  इस मामले पर सुनवाई के दौरान कारागार एवं सुधार सेवा के महानिरीक्षक कोर्ट में उपस्थित थे। कोर्ट ने महानिरीक्षक को जुर्माना राशि की वसूली दोषी कर्मियों से करने की पूरी छूट दी। वहीं कोर्ट ने दोषी कर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया छह माह के भीतर पूरा करने का आदेश दिया। 


आवेदक की ओर से अधिवक्ता अरुण कुमार ने कोर्ट को बताया कि कॉपी राइट को लेकर आवेदक के खिलाफ विभिन्न थानों में एक ही प्रकार के आरोप लगा कर पांच केस दर्ज कराया गया है। उनका कहना था कि तीन केस में जमानत मिलने के बाद जब जेल से छोड़ने के लिए कोर्ट से रिलीज आदेश जेल पर गया, तो जेल अधिकारियों ने उसे जेल से नहीं छोड़ा। 


उन्होंने कहा कि आवेदक के खिलाफ दो केस में बॉडी वारंट जारी हो चुका है, लेकिन उसे रिमांड पर नहीं लिया गया है। इस आधार पर उसे जेल से जमानत पर नहीं छोड़ा गया। वहीं राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने कारागार एवं सुधार सेवा के महानिरीक्षक का बचाव करते हुए कहा कि जेल कर्मियों से गलती हुई है, लेकिन जेलकर्मी बॉडी वारंट को नजरअंदाज नहीं कर सकते।  कर्मचारी आंख बंद कर किसी को जेल से नहीं छोड़ सकते। 


इधर, कोर्ट ने कहा कि सरकारी कर्मियों से गलती हुई है, जिस कारण आवेदक को बेवजह लम्बे समय तक जेल में रहना पड़ा। ऐसे में इस केस में कोई राहत नहीं दी जा सकती। बेवजह जेल में रखने पर मुआवजा देना होगा। कोर्ट ने सरकार को चार सप्ताह के भीतर एक लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया. साथ ही याचिका को निष्पादित कर दिया।