Ritlal Yadav: बेऊर से भागलपुर जेल भेजे गए रीतलाल यादव, RJD विधायक पर बिल्डर से रंगदारी मांगने का है आरोप Ritlal Yadav: बेऊर से भागलपुर जेल भेजे गए रीतलाल यादव, RJD विधायक पर बिल्डर से रंगदारी मांगने का है आरोप Labour Law India: लेबर लॉ के पालन न होने की वजह से, जानिए कैसे सरकारी नौकरी बन गई भारतीय युवाओं की पहली पसंद? Chanakya Niti: इन 4 जगहों पर भूलकर भी न खोलें अपना मुंह, वरना टूट सकता है मुसीबतों का पहाड़ Bihar News: तेज रफ्तार पिकअप वैन ने पांच लोगों को रौंदा, एक व्यक्ति की मौत; गुस्साए लोगों ने गाड़ी में लगाई आग Nitin Gadkari: जो करेगा जाति की बात, उसको मारूंगा लात...नितिन गडकरी का पुराना बयान अब वायरल Funny Wedding Card Bihar Police : शादी के कार्ड पर लिखा "बिहार पुलिस फिजिकल क्वालिफाइड" सोशल मीडिया पर वायरल हुआ कार्ड Bihar Crime News: बच्चों के विवाद में व्यक्ति की बेरहमी से हत्या, पड़ोसियों ने ही चाकू से गोद डाला New Income Tax Bill: नया आयकर विधेयक अगले हफ्ते संसद में पेश होगा, आज कैबिनेट की मंजूरी की उम्मीद Labour Day 2025: जानिए क्यों मनाया जाता है 1 मई को मजदूर दिवस, क्या है इसका इतिहास और महत्व?
01-May-2025 07:21 AM
By First Bihar
Caste census: भारत में जनगणना जल्द शुरू हो सकती है। सरकार इसकी पूरी प्रक्रिया को 2026 के अंत तक पूरा करने की उम्मीद कर रही है। हालांकि, अब तक इस संबंध में कोई औपचारिक समयसीमा या निर्धारित कार्यक्रम सरकार की ओर से जारी नहीं किया गया है। इससे पहले इसको लेकर यह सबसे बड़ी अड़चन यह थी कि इसमें जाति आधारित जानकारी को शामिल किया जाए या नहीं। लिहाजा अब जब इस पर निर्णय लिया जा चुका है, तो प्रक्रिया जल्द शुरू हो सकती है।
जानकारी के मुताबिक, देश के अंदर अब जनगणना में जाति आधारित आंकड़ों को शामिल करने का निर्णय लिया गया है। इसके कारण गृह सूची और मकान गणना चरण में पूछे जाने वाले प्रश्नों की संख्या 31 से बढ़कर 32 हो सकती है। इससे पहले मार्च 2025 में गृह मंत्रालय ने संसद की एक स्थायी समिति को बताया था कि जनगणना की अधिकांश तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और अब तकनीकी अपडेट का कार्य जारी है।
गृह मंत्रालय ने समिति को बताया, “जनगणना से संबंधित कई कार्य पूर्ण हो चुके हैं। जैसे ही जनगणना की प्रक्रिया शुरू होगी, आवश्यकतानुसार अतिरिक्त धन की मांग की जाएगी।” जनगणना 2021 भारत की पहली पूर्णत: डिजिटल जनगणना होगी। इसके लिए एक मोबाइल ऐप और जनगणना पोर्टल तैयार किया जा चुका है, जिससे डेटा संग्रहण से लेकर निगरानी तक सभी कार्य डिजिटल रूप से संपन्न होंगे।
आपको बताते चलें कि,जनगणना भारत में जनसंख्या, सामाजिक-आर्थिक स्थिति, आवास और अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं की जानकारी का सबसे बड़ा स्रोत है। यह आंकड़े नीतियों के निर्धारण, संसदीय क्षेत्रों के परिसीमन और संसाधनों के वितरण में अहम भूमिका निभाते हैं। भारत में पहली संगठित जनगणना 1881 में हुई थी और तब से हर 10 साल में नियमित रूप से यह होती रही है।