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30-Aug-2025 09:10 AM
By First Bihar
Online Vs Offline: आज के डिजिटल युग में एक नया स्मार्टफोन खरीदना केवल स्पेसिफिकेशन्स चुनने तक सीमित नहीं रह गया है। अब यह भी एक अहम फैसला बन गया है कि फोन ऑनलाइन खरीदा जाए या ऑफलाइन। दोनों ही विकल्पों के अपने फायदे और नुकसान हैं, और अगर आप सही निर्णय नहीं लेते तो बाद में पछताना पड़ सकता है।
एक तरफ जहां ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स भारी डिस्काउंट, बैंक ऑफर और तेज़ डिलीवरी का वादा करते हैं, वहीं ऑफलाइन स्टोर्स आपको डिवाइस को हाथ में लेकर फील और टेस्ट करने की सुविधा देते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि दोनों विकल्पों में क्या-क्या अंतर हैं और स्मार्टफोन खरीदते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
ऑनलाइन शॉपिंग ने स्मार्टफोन मार्केट को पूरी तरह से बदल कर रख दिया है। Flipkart, Amazon, Croma जैसे प्लेटफॉर्म्स पर समय-समय पर होने वाली फेस्टिव सेल, बैंक ऑफर्स, और एक्सचेंज डील्स के जरिए एक महंगा स्मार्टफोन भी हजारों रुपये सस्ता मिल सकता है।
घर बैठे-बैठे ही आप कई ब्रांड्स और मॉडल्स की तुलना कर सकते हैं, यूज़र रिव्यू पढ़ सकते हैं और आसानी से कुछ ही मिनटों में ऑर्डर कर सकते हैं। कुछ शहरों में तो डिलीवरी 1-2 दिन में हो जाती है।
बड़े ऑफर्स अक्सर कुछ स्पेसिफिक कार्ड्स या पेमेंट ऐप्स पर ही सीमित होते हैं। सेल के समय स्टॉक जल्दी खत्म हो जाता है। फोन की फील, लुक या बटन प्लेसमेंट तब तक समझ नहीं आती जब तक आप उसे हाथ में लेकर न देखें। खराब यूनिट मिलने पर रिप्लेसमेंट तो मिलता है, लेकिन अगर आपका मन बदल जाए तो रिफंड लेना हमेशा आसान नहीं होता।
रिटेल स्टोर्स में जाकर स्मार्टफोन खरीदना आज भी एक बड़ा वर्ग पसंद करता है, खासकर वे लोग जो फोन को हाथ में लेकर उसकी क्वालिटी और उपयोगिता को जांचना चाहते हैं। आप फोन को ऑन कर के उसकी डिस्प्ले ब्राइटनेस, कैमरा क्वालिटी, और हैंडलिंग जैसी चीज़ें खुद देख सकते हैं। इसके अलावा, कई दुकानदार खरीद के साथ फ्री कवर, स्क्रीन गार्ड, और फोन सेटअप में मदद जैसी अतिरिक्त सुविधाएं भी देते हैं।
हालांकि कुछ सीमाएं भी हैं, जिसमें कीमत आमतौर पर ऑनलाइन से थोड़ी ज्यादा होती है। रिटर्न या एक्सचेंज पॉलिसी पूरी तरह से दुकान पर निर्भर करती है, जो सभी जगह एक जैसी नहीं होती। ऑफलाइन स्टोर्स में कई बार लेटेस्ट वेरिएंट्स या स्टॉक उपलब्ध नहीं होता।
आजकल कई स्मार्टफोन ब्रांड्स कुछ मॉडल्स को केवल ऑनलाइन एक्सक्लूसिव या ऑफलाइन एक्सक्लूसिव बना देते हैं। यदि फोन केवल ऑनलाइन मिल रहा है, तो आपको उसे टेस्ट किए बिना खरीदना पड़ेगा। वहीं अगर कोई फोन केवल ऑफलाइन उपलब्ध है, तो वो थोड़ा महंगा हो सकता है और उस पर कोई ऑनलाइन ऑफर भी नहीं मिलेगा। स्मार्टफोन की वारंटी सामान्य रूप से ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों जगह एक जैसी होती है, बशर्ते आप ऑथराइज्ड सेलर से खरीदारी करें, लेकिन ऑनलाइन मार्केटप्लेस पर ग्रे-मार्केट सेलर्स भी मौजूद होते हैं जो बेहद कम कीमत पर फोन बेचते हैं लेकिन वो फोन बिना असली वारंटी के होते हैं और फ्यूचर में सर्विस सेंटर सपोर्ट नहीं मिलता। ऑफलाइन में यह खतरा कम होता है, क्योंकि आप सीधे जाने-पहचाने दुकानदार से खरीद रहे होते हैं।
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स आपको बैंक डिस्काउंट, नो-कॉस्ट EMI, और कैशबैक जैसी बहुत सारी पेमेंट सुविधाएं देते हैं खासकर अगर आपके पास क्रेडिट कार्ड है। दूसरी ओर, ऑफलाइन स्टोर्स में अक्सर स्थानीय फाइनेंस कंपनियों से EMI ऑफर मिलता है, जो उन ग्राहकों के लिए मददगार होता है जिनके पास क्रेडिट कार्ड नहीं है या जिन्हें दस्तावेज़ आधारित लोन चाहिए।