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04-Aug-2025 07:50 AM
By First Bihar
Bihar Teacher News: बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने राज्य के लगभग 6 लाख सरकारी स्कूल शिक्षकों के लिए नई तबादला नियमावली तैयार की है, जिसका प्रारूप अंतिम चरण में है। इस नियमावली के अनुसार, किसी भी शिक्षक का नियुक्ति की तिथि से पांच वर्षों तक तबादला नहीं किया जाएगा। यह व्यवस्था स्कूलों में शैक्षणिक स्थायित्व बनाए रखने के उद्देश्य से की जा रही है। हालांकि, इस अवधि के भीतर गंभीर बीमारी या विशेष परिस्थिति, जैसे किसी विद्यालय में अपेक्षा से अधिक शिक्षक और दूसरे विद्यालयों में कमी होने की स्थिति में, तबादले की अनुमति दी जा सकेगी।
नई नियमावली के तहत, तबादला प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी, जिसे ई-शिक्षा कोष पोर्टल के माध्यम से संचालित किया जाएगा। शिक्षक वर्ष में दो बार मई और नवंबर में तबादले के लिए आवेदन कर सकेंगे और तबादले जून और दिसंबर में किए जाएंगे ताकि पढ़ाई पर कोई प्रभाव न पड़े।
तबादले की प्रक्रिया को पारदर्शी और नियंत्रित बनाने के लिए दो स्तरों पर कमेटियों का गठन किया जाएगा। जिला स्तर पर तबादलों के लिए 8 सदस्यीय समिति बनाई जाएगी, जिसकी अध्यक्षता जिलाधिकारी करेंगे। इस समिति में उप विकास आयुक्त, एडीएम स्तर के अधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) और अन्य प्रशासनिक अधिकारी शामिल होंगे। वहीं, प्रधानाध्यापक और प्रमंडल स्तर के शिक्षकों के तबादले के लिए 6 सदस्यीय प्रमंडलीय समिति गठित की जाएगी, जिसकी अध्यक्षता प्रमंडलीय आयुक्त करेंगे। इसमें क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक (RDDDE) और अन्य पदाधिकारी होंगे। इन समितियों की अनुशंसा के आधार पर ही तबादले को मंजूरी दी जाएगी।
राज्य में अब तक शिक्षकों के तबादले के लिए कोई स्थायी और समेकित नियमावली नहीं थी। 2006 से नियोजित शिक्षकों की बहाली के बाद से कई बार प्रयास हुए, परंतु कोई नीति प्रभावी रूप से लागू नहीं हो सकी। विगत वर्षों में तबादले अलग-अलग आदेशों और विशेष परिस्थितियों के आधार पर होते रहे, जिससे प्रक्रिया अस्पष्ट रही। बीते एक वर्ष में लगभग एक लाख शिक्षकों का तबादला विभिन्न आधारों पर — जैसे बीमारी, दूरी, परस्पर सहमति और ऐच्छिक रूप से किया गया है।
नई नीति सभी कोटियों के शिक्षकों पर समान रूप से लागू होगी, जिनमें पुराने शिक्षक, विशिष्ट शिक्षक, विद्यालय अध्यापक, प्रधान शिक्षक और प्रधानाध्यापक शामिल हैं। शिक्षा विभाग इस बार एक समेकित और स्थायी तबादला नीति लागू करने जा रहा है, जो कैबिनेट की मंजूरी के बाद जल्द ही प्रभाव में लाई जाएगी।
नई तबादला नीति से संभावित लाभ
शिक्षक नियुक्ति के बाद कम से कम 5 वर्षों तक एक ही विद्यालय में एकाग्रता से कार्य कर सकेंगे।
सभी के लिए एक समान और पारदर्शी तबादला नियमावली लागू होगी।
बीमारी या अन्य विशेष परिस्थिति में शिक्षक का तबादला सुगमता से हो सकेगा।
तबादले पूरी तरह डिजिटल माध्यम से होंगे, जिससे भ्रष्टाचार और पक्षपात की संभावना कम होगी।
स्कूलों में शिक्षण कार्य निरंतर और व्यवस्थित रूप से चलता रहेगा।