जिम में पसीना बहाते तेज प्रताप का वीडियो वायरल, TY Vlog से बढ़ी लोकप्रियता SBI का ATM काटकर 16 लाख की लूट, गार्ड नहीं रहने के कारण बदमाशों ने दिया घटना को अंजाम पटना में 25 जगहों पर बनेंगे वेंडिंग जोन, GIS मैपिंग और कचरा प्रबंधन को मिलेगी रफ़्तार: मंत्री नितिन नवीन देवघर के युवक की जमुई में गोली मारकर हत्या, दोस्तों के साथ पूजा में शामिल होने आया था विनोद सहरसा में जेई लूटकांड का खुलासा: हथियार और लूटे गये सामान के साथ अपराधी गिरफ्तार दरभंगा में बीजेपी नेता के घर 10 लाख की चोरी, बंद घर को चोरों ने बनाया निशाना जमुई में पत्थर से कुचलकर 10 साल के बच्चे की हत्या, पड़ोसी ने दिया घटना को दिया अंजाम, पुलिस ने दबोचा ‘आ जाऊंगा यार, I love you..’, लेडी DSP कल्पना वर्मा केस में फोटो और चैट वायरल, पुलिस महकमे में हड़कंप ‘आ जाऊंगा यार, I love you..’, लेडी DSP कल्पना वर्मा केस में फोटो और चैट वायरल, पुलिस महकमे में हड़कंप मुकेश अंबानी के समधी अजय पीरामल ने पटना साहिब में मत्था टेका, पहली बार किया पावन दरबार का दर्शन
09-Oct-2025 10:30 AM
By First Bihar
Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने अपनी चुनावी रणनीति को नए सिरे से आकार देना शुरू कर दिया है। सूत्रों के अनुसार पार्टी इस बार डेढ़ दर्जन से अधिक सीटिंग विधायकों का टिकट काटने की तैयारी में है। राजद नेतृत्व का मानना है कि चुनावी जीत सुनिश्चित करने के लिए केवल “जिताऊ उम्मीदवारों” पर भरोसा किया जाना चाहिए। इसी रणनीति के तहत पार्टी लगातार सर्वे रिपोर्ट्स और फीडबैक के आधार पर उम्मीदवारों के चयन पर काम कर रही है।
पार्टी के भीतर यह चर्चा तेज है कि कई मौजूदा विधायकों की सीट बदली जा सकती है, जबकि कुछ सीटें सहयोगी दलों के खाते में जाने की भी संभावना है। राजद नेतृत्व इस बार पुराने समीकरणों पर नहीं बल्कि “विनिंग परफॉर्मेंस” को प्राथमिकता दे रहा है। वहीं, पिछले विधानसभा चुनाव में हारने वाले उम्मीदवारों में से भी करीब दर्जनभर नामों को बदले जाने की बात कही जा रही है।
पिछले वर्ष एनडीए सरकार के विश्वासमत के दौरान पार्टी के पांच विधायक पाला बदलकर सत्ता पक्ष के साथ जा चुके हैं। इनमें शिवहर से चेतन आनंद, भभुआ से भरत बिंद, सूर्यगढ़ा से प्रह्लाद यादव, मोहनियां से संगीता कुमारी और मोकामा से नीलम देवी शामिल हैं। इन पांचों के पार्टी छोड़ने के बाद राजद ने उनकी सीटों पर नए चेहरे उतारने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके अलावा नवादा की विधायक विभा देवी और रजौली के विधायक प्रकाश वीर ने भी बगावत कर भाजपा का दामन थाम लिया है। इस तरह कुल सात सीटें ऐसी हो गई हैं जहां राजद को नए उम्मीदवारों की तलाश है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि इन सात सीटों में से एक-दो सीटें गठबंधन के सहयोगी दलों को दी जा सकती हैं। वहीं, लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और हसनपुर से विधायक तेजप्रताप यादव के पार्टी से छह साल के लिए निष्कासन के बाद इस सीट पर भी नया उम्मीदवार उतारने की तैयारी है। राजद अब इस सीट पर एक युवा और साफ छवि वाले नेता को मौका देने पर विचार कर रही है।
छपरा जिले की तीन सीटें — सोनपुर, परसा और मढ़ौरा — पर भी टिकट कटौती की तलवार लटक रही है। सोनपुर से डॉ. रामानुज प्रसाद, परसा से छोटे लाल राय और मढ़ौरा से जितेन्द्र कुमार राय के प्रदर्शन पर पार्टी शीर्ष नेतृत्व संतुष्ट नहीं बताया जा रहा है। हालांकि अंतिम निर्णय लालू प्रसाद यादव खुद लेंगे। सूत्रों का कहना है कि यदि सर्वे में इन विधायकों का प्रदर्शन कमजोर पाया गया तो इनके स्थान पर नए उम्मीदवारों को मैदान में उतारा जाएगा।
राजद इस बार उम्मीदवार चयन में जातीय समीकरण और स्थानीय छवि के साथ-साथ सोशल मीडिया उपस्थिति और जनसंपर्क कौशल को भी अहम मानदंड के रूप में देख रही है। बताया जा रहा है कि पार्टी के आंतरिक सर्वे में जिन विधायकों की रिपोर्ट कमजोर आई है, उन्हें चेतावनी दी गई है कि वे फील्ड में सक्रियता दिखाएं, वरना टिकट कट सकता है।
राजद के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि “लालू प्रसाद यादव साफ संदेश दे चुके हैं कि टिकट योग्यता और जनता के समर्थन के आधार पर ही दिया जाएगा। पार्टी अब भावनाओं या निष्ठा के बजाय प्रदर्शन और जीत की संभावना पर भरोसा करेगी।”
उधर, संगठन में टिकट बंटवारे को लेकर हलचल तेज हो गई है। कई विधायक पटना पहुंचकर पार्टी हाईकमान से संपर्क साध रहे हैं और अपनी स्थिति मजबूत करने में जुटे हैं। वहीं, संभावित नए दावेदार अपने-अपने क्षेत्रों में जनसंपर्क अभियान शुरू कर चुके हैं ताकि पार्टी के सर्वे में उनका नाम ऊपर रहे।
राजद के अंदरूनी फेरबदल से यह स्पष्ट है कि आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी युवा चेहरों और नए नेताओं पर बड़ा दांव लगाने की तैयारी में है। लालू यादव और तेजस्वी यादव दोनों की नजर इस बार न केवल सीट जीतने पर है बल्कि एक “क्लीन और कंपिटेंट” इमेज बनाने पर भी है। यह रणनीति पार्टी को नए सिरे से जनता के बीच स्थापित करने की कोशिश के रूप में देखी जा रही है। बंटवारा, टिकट बंटवारे को लेकर राजद में मंथन का दौर जारी है और आने वाले दिनों में पार्टी कई बड़े निर्णय ले सकती है, जिनका सीधा असर बिहार की राजनीतिक दिशा पर पड़ना तय है।