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04-Aug-2025 07:23 AM
By First Bihar
Bihar News: राजधानी पटना के अशोक राजपथ पर 422 करोड़ रुपये की लागत से बने बिहार के पहले डबल डेकर पुल का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 11 जून 2025 को किया था। इस पुल का उद्देश्य पटना के व्यस्त इलाकों जैसे पीएमसीएच, साइंस कॉलेज, और पटना यूनिवर्सिटी के आसपास ट्रैफिक जाम की समस्या को कम करना था। हालांकि, उद्घाटन के महज 53 दिन बाद ही इस पुल की सड़क सतह पर दरारें आने लगीं, जिससे आम जनता और विशेषज्ञों में चिंता बढ़ गई है। अब इस घटना पर सरकार ने सफाई दी है।
दरअसल, इस संबंध में रोड कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट, बिहार सरकार और बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड (BRPNNL) ने अपनी आधिकारिक प्रतिक्रिया दी है। विभाग ने सोशल मीडिया पर जारी एक बयान में स्पष्ट किया है कि "सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे X, कई न्यूज़ चैनल और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर पुल के क्षतिग्रस्त होने की खबरें तेजी से फैल रही थीं। लगातार मूसलाधार बारिश के कारण पुल की सतह पर बने Bituminous Wearing Course (डामर की ऊपरी परत) के एक छोटे हिस्से में आंशिक स्लीपेज हुआ है। इसका मतलब यह है कि डामर की सतह पर फिसलन या छोटी दरारें आई हैं, जो केवल सड़क की ऊपरी परत तक सीमित हैं।
प्रबंध निदेशक ने यह भी बताया कि पुल की संरचना पूरी तरह सुरक्षित है और इसका मूल ढांचा या निर्माण गुणवत्ता प्रभावित नहीं हुई है। मरम्मत कार्य तुरंत शुरू कर दिया गया है ताकि यह समस्या जल्द से जल्द दूर की जा सके। यह पुल दो स्तरों में बनाया गया है। निचला स्तर (टियर-1) पटना कॉलेज से बीएन कॉलेज तक लगभग 1.45 किलोमीटर लंबा है, जबकि ऊपरी स्तर (टियर-2) कारगिल चौक से शुरू होकर पटना साइंस कॉलेज होते हुए शताब्दी द्वार तक 2.2 किलोमीटर फैला है। इस पुल के बन जाने से उम्मीद थी कि यह पटना शहर के भारी ट्रैफिक को बेहतर तरीके से संभालेगा और आने-जाने में सुगमता लाएगा।
हालांकि, उद्घाटन के लगभग डेढ़ महीने बाद ही पुल की सड़क सतह में दरारें आने से निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं। खासकर इस बात को लेकर भी चिंता जताई जा रही है कि इतनी बड़ी सरकारी राशि खर्च होने के बावजूद पुल की सतह इतनी जल्दी खराब क्यों हो गई। स्थानीय लोग और विशेषज्ञ इस मुद्दे पर सरकार और निर्माण एजेंसियों से जवाबदेही की मांग कर रहे हैं।
सरकार ने यह भी आश्वासन दिया है कि पुल की मरम्मत के लिए आवश्यक सभी कदम उठाए जा रहे हैं और जल्द ही पुल को पूरी तरह से ठीक कर दिया जाएगा। इसके अलावा, भविष्य में इस प्रकार की तकनीकी समस्याओं से बचने के लिए निर्माण सामग्री और तकनीकों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।