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26-Jun-2025 07:41 AM
By First Bihar
Bihar News: बिहार सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं और ग्राम कचहरियों के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को एक बड़ा अधिकार देने का निर्णय लिया है। अब वार्ड पार्षद, मुखिया, सरपंच, पंच, प्रखंड समिति सदस्य, जिला परिषद सदस्य जैसे पंचायत प्रतिनिधि सुरक्षा कारणों से शस्त्र (हथियार) रखने के लिए लाइसेंस प्राप्त कर सकेंगे।
दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की 12 जून 2025 को की गई घोषणा किए। जिसके अनुरूप, पंचायती राज विभाग की अनुशंसा पर गृह विभाग ने सभी जिलाधिकारियों (DM) और पुलिस अधीक्षकों (SP) को इस संबंध में स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए हैं। गृह विभाग के आरक्षी शाखा द्वारा जारी पत्र के अनुसार, अब पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा शस्त्र लाइसेंस के लिए किए गए आवेदनों पर निर्धारित समय सीमा के भीतर सुनवाई और निर्णय किया जाएगा। इस प्रक्रिया में आयुध अधिनियम 2016 (Arms Act, 2016) के प्रावधानों का पालन किया जाएगा।
राज्यभर में पंचायत व्यवस्था के तहत कार्य कर रहे जनप्रतिनिधियों की संख्या लगभग 2.5 लाख (ढाई लाख) है। इस निर्णय से उन सभी जनप्रतिनिधियों को लाभ मिल सकता है जो सुरक्षा की दृष्टि से हथियार रखने की आवश्यकता महसूस करते हैं और इसकी वैध अनुमति चाहते हैं।
राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से पंचायत प्रतिनिधियों को धमकी मिलने, चुनावी रंजिश, भूमि विवाद, सामाजिक तनाव या न्यायिक फैसलों के कारण उत्पन्न विवादों में उनकी सुरक्षा पर प्रश्नचिह्न उठते रहे हैं। कई मुखिया और सरपंचों की हत्या या हमले की घटनाएँ भी सामने आई हैं। ऐसे में सरकार का यह कदम जनप्रतिनिधियों को आत्मरक्षा का कानूनी माध्यम प्रदान करता है।
प्रतिनिधि को आवेदन पत्र जिला पदाधिकारी (DM) के समक्ष प्रस्तुत करना होगा। आवेदन की समीक्षा स्थानीय पुलिस, खुफिया रिपोर्ट, और आपराधिक पृष्ठभूमि की जांच के आधार पर की जाएगी। उचित कारण और औचित्य पाए जाने पर DM द्वारा शस्त्र लाइसेंस निर्गत किया जाएगा। लाइसेंसधारी को शस्त्र के प्रयोग, रखरखाव और नवीनीकरण के संबंध में सभी कानूनी नियमों का पालन करना होगा।
गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद चौधरी ने बताया, “सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा दिए गए शस्त्र लाइसेंस के आवेदन को नियमित और समयबद्ध तरीके से निष्पादित किया जाए। सरकार प्रतिनिधियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर है।” इस संबंध में पंचायती राज विभाग के सचिव मनोज कुमार ने 18 जून 2025 को गृह विभाग को पत्र भेजकर अनुरोध किया था कि मुख्यमंत्री की घोषणा के आलोक में आवश्यक कार्रवाई की जाए।