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Bihar News: बिहार के इन जिलों में शुरू होगा पत्थर खनन, बढ़ेगा राजस्व और रोजगार

Bihar News: बिहार के बांका, गया, नवादा, शेखपुरा, औरंगाबाद और कैमूर में पत्थर खनन को मिली मंजूरी। खान एवं भूतत्व विभाग ने मांगी डीएसआर रिपोर्ट। इससे बढ़ेगा राजस्व और रोजगार, झारखंड पर कम होगी निर्भरता।

Bihar News

29-Jun-2025 07:38 AM

By First Bihar

Bihar News: बिहार में पत्थर की बढ़ती मांग और झारखंड पर निर्भरता कम करने के लिए खान एवं भूतत्व विभाग ने छह जिलों बांका, गया, नवादा, शेखपुरा, औरंगाबाद और कैमूर में पत्थर खनन की योजना बनाई है। इन जिलों की पहाड़ियों को पत्थर भूखंडों के लिए चिह्नित किया गया है और मुख्य सचिव ने संबंधित जिलों के समाहर्ताओं से जिला सर्वेक्षण प्रतिवेदन मांगा है। यह पहल राजस्व संग्रह और रोजगार सृजन को बढ़ावा देगी।


बांका के खनिज विकास पदाधिकारी कुमार रंजन के अनुसार भागलपुर-मुंगेर सीमा पर शंभूगंज अंचल की 20 एकड़ पहाड़ी को खनन के लिए चिह्नित किया गया है। इससे लगभग सात मिलियन टन पत्थर प्राप्त हो सकता है, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व मिलेगा। साथ ही, स्टोन क्रशर इकाइयों की स्थापना से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। बांका में खनन शुरू होने पर यह बालू के बाद प्रमंडल स्तर पर राजस्व संग्रह का सबसे बड़ा जिला बन सकता है। भागलपुर की पहाड़ियों में अन्य खनिज तत्वों की संभावना के कारण वहां खनन की अनुमति नहीं दी गई है।


वर्तमान में बिहार में केवल शेखपुरा और गया में ही पत्थर खनन की अनुमति है। वर्ष 2002 से पहले बिहार के 13 जिलों भागलपुर, बांका, बेतिया, जमुई, शेखपुरा, नालंदा, भभुआ, नवादा, मुंगेर, रोहतास, जहानाबाद और औरंगाबाद में 351 लीज होल्ड खदानों के जरिए 993 एकड़ में खनन होता था। लेकिन बाद में खनन इकाइयों की संख्या सीमित कर दी गई।


बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 2021 में स्टोन क्रशर इकाइयों के लिए सख्त नियम लागू किए, जिसमें धूल नियंत्रण के लिए 12 फीट ऊंची दीवार और जल छिड़काव के लिए स्थायी पाइपलाइन अनिवार्य की गई। इन नियमों का पालन सुनिश्चित कर खनन को पर्यावरण के अनुकूल बनाने की कोशिश की जा रही है।