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31-Jul-2025 01:49 PM
By Viveka Nand
Bihar News: सिपाही बहाली परीक्षा पेपर लीक मामले में बिहार के पूर्व DGP सह केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) के तत्कालीन अध्यक्ष S.K. सिंघल को किसी प्रकार की राहत नहीं मिली है. पूर्व डीजीपी के अलावे अन्य के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई की जांच जारी है. सूत्र बताते हैं कि, जांच में एसके सिंघल के खिलाफ जो सबूत हाथ लगे हैं, उस आधार पर पूछताछ के बुलाया जा सकता है. आर्थिक अपराध इकाई इन्हें नोटिस देकर बुला सकती है. जांच में पर्याप्त साक्ष्य मिलने के बाद विधि सम्मत कानूनी कार्रवाई की जायेगी.
गंभीर आरोपों में घिरे हैं एस.के. सिंघल
बिहार के पूर्व डीजीपी एस.के सिंघल पर गंभीर आरोप हैं. 2023 में सिंघल के केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) के अध्यक्ष रहने के दौरान पेपर लीक हुआ था. पेपर लीक के तार तत्कालीन अध्यक्ष से जुड़ते नजर आये थे. जांच एजेंसी के समक्ष एक आरोपी ने भी इनका नाम लिया था, कोलकाता जाने और वहां सेटिंग का आरोप लगा था. ईओयू की जांच में एस.के. सिंघल के कोलकाता जाने के प्रमाण भी मिले हैं. सिंघल अभी तक जांच एजेंसी के समक्ष पेश नहीं हुए हैं. हालांकि, कई बार ईओयू के लिखित सवालों का जवाब दिया है. विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि एस.के.सिंघल के खिलाफ जांच की गाड़ी आगे बढ़ सकती है. संभव है कि उनसे आगे की पूछताछ की जाय. इसके लिए उन्हें नोटिस देकर आर्थिक अपराध इकाई के दफ्तर बुलाया जा सकता है. पूछताछ के बाद आगे की कार्रवाई की जा सकती है.
ईओयू की रिपोर्ट पर सरकार ने केंद्रीय चयन पर्षद अध्यक्ष पद से हटाया था
पेपर लीक कांड में केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) के तत्कालीन अध्यक्ष SK सिंघल की भूमिका संदेह के दायरे में पाते हुए आर्थिक अपराध इकाई ने अनुशासनिक कार्रवाई के लिए पर्याप्त साक्ष्य तत्कालीन डीजीपी को उपलब्ध कराए थे. रिपोर्ट में SK सिंघल को दायित्वों का निर्वहन नहीं करने के मामले में दोषी पाया गया था. EOU की जांच में पाया गया था कि सिपाही बहाली पेपर लीक कांड केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) के तत्कालीन अध्यक्ष सह पूर्व DGP SK सिंघल की लापरवाही और नियमों एवं मानकों की प्रत्यक्ष अनदेखी की वजह से हुआ है. इसके बाद सरकार ने उन्हें इस पद से हटा दिया था.
क्या कहते हैं ईओयू के एडीजी..?
सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी नैयर हसनैन खान ने बताया कि पूरे मामले में जांच जारी है. किसी को क्लीनचिट नहीं दिया गया है. जांच में जिनके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मिलेंगे, जो भी दोषी पाये जायेंगे, उनके खिलाफ नियमसम्मत कार्रवाई की जायेगी. ईओयू की टीम पूरे मामले में आगे की जांच कर रही है.
जानें पूरा मामला....
बता दें, बिहार में सिपाही भर्ती परीक्षा के लिए 27 अप्रैल 2023 को वैकेंसी निकाली गई थी. कुल 21391 पदों पर बहाली होनी थी. इसके लिए 20 जुलाई 2023 तक आवेदन मंगवाए गए थे, कुल 37 लाख कैंडिडेट्स ने आवेदन किया था. इनमें से 18 लाख फॉर्म को सेलेक्ट किया गया था. उस वक्त पूर्व डीजीपी एसके सिंघल ही केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) के अध्यक्ष थे. इन पर सिपाही बहाली परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक कराने के लिए प्रिंटिंग प्रेस के मलिक से कमीशन के रूप में मोटी रकम लेने का आरोप लगा था. इनके कार्यकाल में सिपाही भर्ती एग्जाम के लिए तैयार किए गए सभी सेट के आंसर की लीक हो गए थे. 24 जिलों में 75 से अधिक मुकदमा और 150 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था.