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03-Aug-2025 02:32 PM
By First Bihar
Bihar News: बिहार सरकार ने स्वच्छ और अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए एक और महत्वाकांक्षी कदम उठाया है। अब राज्य में चार प्रमुख कंपनियां लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी), एनटीपीसी ग्रीन, अवाडा ग्रुप और सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसईसीआई) 2357 मेगावाट अक्षय ऊर्जा उत्पादन के लिए ₹5337 करोड़ का निवेश करेंगी। इस समझौते पर हाल ही में पटना में आयोजित एक समारोह में हस्ताक्षर किए गए हैं। इन परियोजनाओं से बिहार को स्वच्छ ऊर्जा का हब बनाने में मदद मिलेगी और हजारों युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे।
बिहार सरकार ने 2030 तक 23,968 मेगावाट अक्षय ऊर्जा उत्पादन और 6100 मेगावाट घंटा ऊर्जा भंडारण का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य का उद्देश्य बिहार को स्वच्छ ऊर्जा का केंद्र बनाना और 2070 तक भारत के शून्य कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य में योगदान देना है। इसके लिए बिहार नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत प्रोत्साहन नीति 2025 और पंप्ड स्टोरेज प्रोजेक्ट प्रोत्साहन नीति 2025 लॉन्च की गई हैं। बिहार अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी को इन नीतियों को लागू करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इस योजना के तहत सौर, पवन और बायोमास ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। कुल उत्पादन में 18,448 मेगावाट जमीन पर सौर परियोजनाओं से, 900 मेगावाट सौर पार्कों से, 495 मेगावाट फ्लोटिंग सौर संयंत्रों से, 400 मेगावाट तालाबों पर ऊंचे सौर संयंत्रों से, 1975 मेगावाट ऑन-ग्रिड और 340 मेगावाट ऑफ-ग्रिड ऊर्जा से प्राप्त होगा। इसके अलावा 500 मेगावाट छतों पर सौर पैनल और 250 मेगावाट छोटे जलविद्युत संयंत्रों से बिजली उत्पादन होगा। ऊर्जा भंडारण के लिए 1600 मेगावाट पंप्ड स्टोरेज और 4500 मेगावाट बैटरी भंडारण की व्यवस्था की जाएगी।
प्रमुख निवेश और परियोजनाएं
- अवाडा ग्रुप: 1 गीगावाट (1000 मेगावाट) ग्राउंड माउंटेड और फ्लोटिंग सौर परियोजनाएं।
- सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया: ₹3000 करोड़ की लागत से फ्लोटिंग सौर और अन्य अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं।
- एलएंडटी: लखीसराय के कजरा में ₹837.66 करोड़ की लागत से 116 मेगावाट/241 मेगावाट घंटा बैटरी ऊर्जा भंडारण परियोजना।
- एनटीपीसी ग्रीन: 1000 मेगावाट बैटरी ऊर्जा भंडारण सिस्टम के लिए ₹1500 करोड़ का निवेश।
इन परियोजनाओं से बिहार में हजारों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे। निर्माण, संचालन और रखरखाव के दौरान स्थानीय युवाओं को नौकरियां मिलेंगी। इसके अलावा छोटे और मध्यम उद्यमों व स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं को भी व्यवसाय के अवसर प्राप्त होंगे। ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा है कि यह नीति बिहार को अक्षय ऊर्जा में अग्रणी बनाएगी और युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार खोलेगी।
निवेश को आकर्षित करने के लिए सरकार ने कई रियायतें भी दी हैं, जिनमें 100% स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क में छूट, जमीन उपयोग परिवर्तन शुल्क माफी, ट्रांसमिशन और व्हीलिंग शुल्क में राहत, बिजली शुल्क से छूट, सिंगल-विंडो क्लीयरेंस, ऊर्जा बैंकिंग, फीड-इन टैरिफ, ग्रीन टैरिफ, रूफटॉप सौर के लिए छूट और कार्बन क्रेडिट जैसे लाभ शामिल हैं।