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30-Sep-2025 07:52 AM
By First Bihar
Bihar MLC Election : बिहार विधान परिषद (एमएलसी) चुनाव में भागीदारी करने की इच्छा रखने वाले शिक्षक और स्नातक मतदाताओं के लिए अब एक बड़ा अवसर सामने आ रहा है। राज्य निर्वाचन आयोग ने उन आठ सीटों के लिए मतदाता सूची निर्माण की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की है, जिनके वर्तमान सदस्य अगले साल नवंबर में सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
दरअसल, बिहार विधान परिषद की जिन आठ सीटों पर रिक्ति होने वाली है, उनमें चार स्नातक निर्वाचन क्षेत्र की और चार शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र की सीटें शामिल हैं। स्नातक क्षेत्र में पटना ग्रेजुएट से निर्वाचित नीरज कुमार, दरभंगा ग्रेजुएट से निर्वाचित सर्वेश कुमार, तिरहुत ग्रेजुएट से निर्वाचित वंशीधर ब्रजवासी तथा कोसी ग्रेजुएट से निर्वाचित एनके यादव का कार्यकाल 16 नवंबर 2026 को समाप्त हो रहा है।
इसी प्रकार, शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से पटना के नवल किशोर यादव, दरभंगा के मदन मोहन झा, तिरहुत के संजय कुमार सिंह और सारण के अफाक अहमद का कार्यकाल भी 16 नवंबर 2026 को पूरा हो जाएगा। इन सभी आठ सदस्यों का कार्यकाल समाप्त होते ही बिहार विधान परिषद की इन सीटों पर चुनाव की आवश्यकता होगी। चुनाव की तैयारी के लिए सबसे पहला कदम मतदाता सूची का निर्माण है, जो मंगलवार 30 सितंबर 2025 से शुरू हो गया है।
निर्वाचन आयोग के अनुसार, 30 सितंबर से संबंधित क्षेत्रों में पहली नोटिस जारी कर दी जाएगी। इसके साथ ही योग्य मतदाताओं से आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। शिक्षक और स्नातक निर्वाचन क्षेत्रों के लोग अपने नाम मतदाता सूची में शामिल कराने के लिए निर्धारित प्रपत्र भरकर संबंधित अधिकारियों को दे सकते हैं।
आयोग ने स्पष्ट किया है कि मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने की अंतिम तिथि 6 नवंबर 2025 तय की गई है। इस अवधि के बाद कोई नया आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा। आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद 25 नवंबर 2025 को प्रारूप मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी।
इसके बाद 25 दिसंबर 2025 तक दावा और आपत्ति दाखिल करने का अवसर दिया जाएगा। इस दौरान कोई व्यक्ति यदि सूची में अपना नाम जोड़ने, हटाने या सुधार कराने की मांग करता है तो उसकी जांच कर निर्णय लिया जाएगा। अंततः 30 दिसंबर 2025 को आयोग द्वारा अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित कर दी जाएगी।
बिहार में शिक्षक और स्नातक निर्वाचन क्षेत्रों से विधान परिषद के सदस्य चुने जाते हैं। इन क्षेत्रों में केवल वे लोग वोट डाल सकते हैं जो उच्च शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं या शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं और आयोग द्वारा तय शर्तों को पूरा करते हैं। यही कारण है कि इस प्रक्रिया में नाम दर्ज कराना बेहद जरूरी है। यदि किसी व्यक्ति का नाम मतदाता सूची में नहीं है, तो वह चुनाव में मतदान नहीं कर पाएगा।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि बिहार की राजनीति में विधान परिषद की सीटें हमेशा से अहम रही हैं। स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों से चुने गए सदस्य सदन में शिक्षा, रोजगार और युवाओं से जुड़ी नीतियों पर विशेष रूप से मुखर रहते हैं। यही वजह है कि इस प्रक्रिया में शिक्षकों और स्नातकों की भागीदारी काफी मायने रखती है।
निर्वाचन आयोग ने शिक्षक और स्नातक समुदाय से अपील की है कि वे समय रहते अपना आवेदन जमा करें। आयोग ने कहा है कि मतदाता सूची निर्माण की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होगी। आवेदन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से लिए जाएंगे, ताकि अधिक से अधिक लोग इस प्रक्रिया में भाग ले सकें। इसके साथ ही आयोग ने यह भी निर्देश दिया है कि जिनका नाम पहले से सूची में दर्ज है, वे भी एक बार अपने विवरण की जांच अवश्य करें। किसी भी तरह की त्रुटि मिलने पर समय रहते उसे ठीक कराने का अवसर उपलब्ध है।
बिहार विधान परिषद की आठ सीटों पर होने वाले चुनाव से पहले मतदाता सूची निर्माण की यह प्रक्रिया आम नागरिकों, विशेषकर शिक्षकों और स्नातकों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यह न केवल लोकतांत्रिक भागीदारी का अवसर है, बल्कि शिक्षा और समाज से जुड़े मुद्दों को सदन में उठाने का अधिकार भी देता है। इसलिए योग्य लोग 6 नवंबर 2025 से पहले अपना नाम सूची में शामिल कराएं, ताकि वे आगामी चुनाव में अपनी भूमिका निभा सकें।