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Bihar News: 1500 कंपनियों की CAPF तैनाती, बिहार चुनाव से पहले नक्सल इलाकों में सघन निगरानी

Bihar News: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर सुरक्षा तैयारियों को और मजबूत करने के लिए सोमवार को केंद्रीय और राज्य एजेंसियों की समन्वय बैठक आयोजित की गई। इसमें विभिन्न एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

Bihar News

14-Oct-2025 09:59 AM

By First Bihar

Bihar News: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर सुरक्षा तैयारियों को और मजबूत करने के लिए सोमवार को केंद्रीय और राज्य एजेंसियों की समन्वय बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) ने की और इसमें विभिन्न एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में कस्टम, रेवेन्यू इंटेलिजेंस, प्रवर्तन निदेशालय (ED), एनसीबी, एनआईए, ईओयू, वायु सेना, एसआईबी, बिहार पुलिस, सीएपीएफ, रेलवे और वन विभाग के वरिष्ठ प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक में आपसी समन्वय, खुफिया जानकारी साझा करने और अंतरराष्ट्रीय सीमा के बेहतर प्रबंधन पर जोर दिया गया।


बैठक में विशेष रूप से भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा स्थिति का आकलन किया गया। एजेंसियों ने तस्करी, मादक पदार्थों की अवैध लेनदेन और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लिप्त तत्वों पर निगरानी बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। अधिकारियों ने इस दिशा में स्थानीय पुलिस और अन्य एजेंसियों के साथ संयुक्त अभियान चलाने पर सहमति जताई। यह अभियान न केवल नशे और अवैध शराब की तस्करी को रोकने में मदद करेगा, बल्कि नकदी और अन्य अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण भी सुनिश्चित करेगा।


एसएसबी ने फ्रंटियर पटना में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है, जहां से सीमा सुरक्षा और खुफिया गतिविधियों की निगरानी की जाएगी। एसएसबी के महानिरीक्षक निशीत कुमार ने बताया कि बिहार चुनाव के लिए 230 कंपनियां एसएसबी की आवंटित की गई हैं, जिनमें से 145 कंपनियां प्री-पोल तैनाती के लिए गंतव्य पर पहुंच चुकी हैं। इस तैनाती का उद्देश्य मतदाताओं और आम जनता में विश्वास जगाना और चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाए रखना है।


बिहार पुलिस के एडीजी (विधि व्यवस्था) पंकज दराद ने जानकारी दी कि अर्द्धसैनिक बलों की कुल 1500 कंपनियां राज्य में तैनात की जा रही हैं। इसमें से 500 कंपनियां पहले से तैनात हैं, 500 कंपनियों का इंडक्शन शुरू हो चुका है, जबकि बाकी की 500 कंपनियों की तैनाती 30 अक्टूबर से होगी। आने वाली 500 कंपनियों में से 318 कंपनियां दूसरे राज्यों से आ रही हैं, जिन्हें निर्धारित जिलों में तैनात किया जाएगा।


सुरक्षा एजेंसियों ने फ्लैग मार्च और सघन चेकिंग अभियान शुरू किया है, ताकि नक्सल प्रभावित और संवेदनशील इलाकों में अपराधियों पर कड़ी निगरानी रखी जा सके। इस दौरान हथियार और नकदी की बरामदगी भी की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि इन अभियान के माध्यम से चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की अशांति या बाहरी हस्तक्षेप को रोका जा सकेगा।


इसके अलावा, बैठक में सांकेतिक और वास्तविक समय खुफिया जानकारी साझा करने की प्रक्रिया को और प्रभावी बनाने पर चर्चा हुई। सभी एजेंसियों ने यह सुनिश्चित किया कि सीमा पर निगरानी के लिए ड्रोन्स और तकनीकी साधनों का भी व्यापक उपयोग किया जाएगा। रेलवे और सड़क मार्गों पर भी विशेष टीमों को लगाया गया है, ताकि किसी भी प्रकार की तस्करी और अवैध गतिविधियों पर तुरंत कार्रवाई की जा सके। इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में सुरक्षा तैयारियों का पैमाना पहले से कहीं अधिक विस्तृत है, क्योंकि न केवल आंतरिक सुरक्षा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सीमा की सतर्कता भी बढ़ाई गई है। इससे चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और भरोसेमंद बनेगी।