राजधानी में BPSC अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज, नॉर्मलाइजेशन के मुद्दे पर कर रहे हंगामा; आयोग ने पहले ही कर दिया है सबकुछ क्लियर

राजधानी में BPSC अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज, नॉर्मलाइजेशन के मुद्दे पर कर रहे हंगामा; आयोग ने पहले ही कर दिया है सबकुछ क्लियर

PATNA : बिहार लोकसभा आयोग के तरफ से 70वीं की पीटी परीक्षा 13 दिसंबर को होने वाली है। इस परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन और मल्टिपल सेट क्वेश्चन का प्रावधान लागू नहीं करने की मांग को लेकर सैंकड़ों की संख्या में अभ्यर्थी पटना में बीपीएससी कार्यालय पर जुट गए हैं। 


उनकी मांग है कि वन डे वन शिफ्ट सिस्टम से परीक्षा कराई जाए। अपनी मांगों को लेकर अभ्यर्थी प्रदर्शन कर करे थे जिनके उपर पुलिस ने अचानक लाठी चार्ज कर दिया। बीपीएससी अभ्यर्थी और छात्र संगठन नॉर्मलाइजेशन के खिलाफ हैं।  इसको लेकर बुधवार 4 दिसंबर को सभी अभ्यर्थियों से पटना में जुटने का आह्वान किया था और साफ-साफ कहा था कि महाआंदोलन किया जाएगा। 


इसी के तहत आज बड़ी संख्या में बीपीएससी अभ्यर्थियों का पटना में जुटान हुआ. सभी ने बेली रोड को जाम कर दिया और हंगामा करने लगे। इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। छात्रों का कहना है कि बीपीएससी की 70 वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा को लेकर बीपीएससी अभ्यर्थियों का आवेदन चयन आयोग ने ले लिया है। इस बीच सूचना मिल रही है कि बीपीएससी इस बार प्रश्न पत्र अलग-अलग तरीके से तैयार करेगी। 


वहीं,  सैंकड़ों की संख्या में बीपीएससी की तैयारी कर रहे युवक और युवतियां बेली रोड पर जमे हुए हैं। उनका कहना है कि जबतक आयोग की ओर से उन्हें नॉर्मलाइजेशन और मल्टिपल सेट का प्रावधान हटाने को लेकर लिखित आश्वासन नहीं दिया जाता तबतक पीछे नहीं हटेंगे। पुलिस के बल प्रयोग के बाद छात्र छात्राओं का आक्रोश और बढ़ गया है। पुलिस ने भीड़ को तितर बितर कर दिया है लेकिन बेली रोड समेत आस पास के इलाके में स्थिति तनावपूर्ण है। प्रदर्शनकारियों में बंगाल, यूपी, झारखंड, ओडिसा समेत कई राज्यों के सिविल सेवा अभ्यर्थी शामिल हैं। सुरक्षा को लेकर बीपीएससी ऑफिस के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस बलों को भी तैनात किया गया है। पुलिस प्रशासन की ओर से प्रदर्शन को अवैध मजमा करार दे दिया गया और लाठी के बल पर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया गया। लेकिन बेली रोड की दूसरी ओर जमे बड़ी संख्या में अभ्यर्थी जब आगे की ओर बढ़ गए तो पुलिस को पीछे हटना पड़ा।


पटना से सदन की रिपोर्ट