PATNA : उत्तरी बिहार को दक्षिण बिहार से जोड़ने वाले सबसे पुराने पुल महात्मा गाँधी सेतु के पश्चिमी लेन के निर्माण कार्य को पूरा कर लिया गया है. इसकी मरम्मती का काम साल 2014 में केंद्र और राज्य सरकार की सहमती से शुरू करने की घोषणा की गई थी. जिसके बाद पुल के एक लेन को बंदकर निर्माण का काम शुरू किया गया था. इस वजह से आये दिन पुल पर लोगों को लंबे जाम का सामना करना पड़ता था. पुल के पश्चिमी लेन को शुरू करने के बाद पूर्वी लेन पर काम शुरू किया जाना है निर्माण की वजह से पुल पर भारी वाहनों के आवाजाही में काफी दिक्कत आती है , जे.पी. सेतु पर भारी वाहनों के आवाजाही पर पहले से ही रोक है.
केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी आगामी 31 जुलाई को इसका उद्घाटन करने वाले हैं. दरअसल केंद्र ने बिहार सरकार को एक प्रस्ताव भेजा है जिसमें कहा गया है कि राज्य सरकार चाहे तो 31 जुलाई को महात्मा गांधी सेतु के पश्चिमी लेन का उद्घाटन नितिन गडकरी वर्चुअल माध्यम से कर सकते हैं.
गांधी सेतु की नई सिरे से मरम्मती के कार्य में लगभग 1400 करोड़ खर्च हुए हैं. इस कार्य को 2014 में मंजूरी मिलने के बाद 2017 में शुरू किया गया था. मुंबई की एजेंसी एफ्कॉंस ने इस काम को नवम्बर 2018 में पूरा कर लेने की बात कही थी लेकिन पुराने स्ट्रक्चर को तोड़ने में अधिक समय लग जाने की वजह से इस में देर हुई. पुल के निर्माण में कंक्रीट का सुपरस्ट्रक्चर हटाकर स्टील का लगाया गया है. कुल 45 स्पैन बनाए गए हैं. एक स्पैन में 33 हजार मीट्रिक टन स्टील लगा है.
पश्चिमी लेन से गाड़ियों की आवाजाही शुरू करने के बाद साल 2022 तक पूर्वी लेन भी चालू होने की संभावना है. चूंकि एजेंसी को पश्चिमी लेन को तोड़ने और बनाने में होने वाली परेशानियों का अनुभव हो गया है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि पश्चिमी लेन की तुलना में पूर्वी लेन आसानी से तोड़कर बना लिया जाएगा.