Bihar Bhumi: पटना में दाखिल-खारिज के 36 प्रतिशत आवेदन हुए रिजेक्ट, जमीन मालिकों की बढ़ी परेशानी; जानिए.. पूरी वजह

Bihar Bhumi: पटना जिले में दाखिल-खारिज के लिए दिए गए 36 प्रतिशत आवेदन रिजेक्ट हो गए हैं। सबसे अधिक आवेदन फुलवारीशरीफ अंचल में रद्द किए गए, जिससे रैयतों की परेशानी बढ़ गई है।

1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Fri, 19 Dec 2025 04:19:24 PM IST

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प्रतिकात्मक - फ़ोटो Google

Bihar Bhumi: पटना जिले में जमीन से जुड़े मामलों के निपटारे के बीच रैयतों की चिंता बढ़ गई है। दाखिल-खारिज के लिए ऑनलाइन जमा किए गए आवेदनों में से करीब 36 प्रतिशत आवेदन रिजेक्ट कर दिए गए हैं। इससे बड़ी संख्या में रैयतों को दोबारा आवेदन करना पड़ेगा। आंकड़ों के अनुसार, जिले में सबसे अधिक आवेदन फुलवारीशरीफ अंचल में रद्द किए गए हैं।


जानकारी के मुताबिक, ऑनलाइन दाखिल-खारिज व्यवस्था लागू होने के बाद पटना जिले में कुल 10.16 लाख आवेदन जमा हुए। इनमें से 6.33 लाख आवेदनों को निपटारे के लिए स्वीकार किया गया, जबकि 3.65 लाख से अधिक आवेदन रिजेक्ट कर दिए गए। इसके अलावा 17,025 आवेदन, यानी करीब 1.67 प्रतिशत, अब भी लंबित हैं।


विशेषज्ञों का कहना है कि ऑनलाइन आवेदन करने के बाद यदि आवेदक अंचल कार्यालय में कर्मियों और अधिकारियों से संपर्क नहीं करता, तो अक्सर कागजात की कमी बताकर आवेदन रिजेक्ट कर दिया जाता है। हालांकि, रिजेक्ट किए गए आवेदनों को दोबारा ऑनलाइन जमा करने का प्रावधान है।


अंचलवार आंकड़ों पर नजर डालें तो पालीगंज में दाखिल-खारिज के लिए ऑनलाइन जमा 18,807 आवेदनों में से सिर्फ 8,157 को ही स्वीकृति मिली, जबकि 10,520 आवेदन रिजेक्ट कर दिए गए। इसी तरह दीदारगंज, मनेर, मसौढ़ी, पुनपुन और बिक्रम अंचलों में भी बड़ी संख्या में आवेदन रद्द हुए हैं।


फुलवारीशरीफ अंचल में सबसे अधिक आवेदन रिजेक्ट किए गए। यहां 1.31 लाख आवेदन जमा हुए, जिनमें से 87,263 स्वीकार किए गए, जबकि 42,280 आवेदन रद्द कर दिए गए। वहीं बिहटा अंचल में 85,659 आवेदन जमा हुए, जिनमें 53,508 स्वीकार और 30,368 रिजेक्ट हुए। दानापुर में 77,073 आवेदन जमा हुए, जिनमें से 49,544 स्वीकार और 26,420 आवेदन रिजेक्ट किए गए। नौबतपुर अंचल में 59,204 आवेदन आए, जिनमें 35,727 स्वीकार और 22,154 आवेदन रद्द कर दिए गए।


दाखिल-खारिज के बढ़ते रिजेक्शन से रैयतों में नाराजगी देखी जा रही है। उनका कहना है कि प्रक्रिया सरल होने के बावजूद बार-बार आवेदन रिजेक्ट होने से समय और पैसे दोनों की बर्बादी हो रही है।