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1st Bihar Published by: 13 Updated Thu, 12 Sep 2019 09:19:45 AM IST
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JAMMU: माता वैष्णो देवी के भक्तों के लिए खास खबर है. कल यानि 13 सितंबर से माता के प्राचीन गुफा के स्वर्णिम दर्शन होंगे. प्राचीन गुफा के द्वार पर विशाल स्वर्ण द्वार बन कर तैयार हो गया है. मंत्रोच्चार के साथ पूजा-अर्चना के बाद कल से इसे भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिया जायेगा. 65 दिन में बना स्वर्ण प्रवेश द्वार मां वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने 65 दिनों में इस भव्य प्रवेश द्वार का निर्माण कराया है. 25 फीट ऊंचे और 16 फीट चौड़े इस प्रवेश द्वार में सोने के अलावा चांदी और तांबे का भी उपयोग किया गया है. देश के अलग-अलग हिस्सों से बुलाये गये विशेषज्ञों ने इस प्रवेश द्वार का निर्माण किया है. श्राइन बोर्ड के मुताबिक इसमें 10 किलो सोना, 1000 किलो चांदी और 1000 हजार किलो तांबे का उपयोग किया गया है. तीनों धातुओं का मिश्रण कुछ इस तरह किया गया है कि सालों तक इस प्रवेश द्वार की चमक बरकरार रहे. श्राइन बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि इन्हीं कारीगरों ने प्रसिद्ध सिद्धि विनायक मंदिर समेत कई मंदिरों की सज्जा की है. 65 दिनों तक दिन रात काम कर उन्होंने प्रवेश द्वार को तैयार किया है. क्या है भव्य स्वर्णद्वार का स्वरूप श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के मुताबिक इस प्रवेश द्वार पर विशाल गुबंद बना है जिस पर सोने के तीन झंडे लगे हैं. इस पर सोने का विशाल छत्तर भी है. प्रवेश द्वार की ओर माता के नौ रूपों के स्वर्ण चित्र उकेरे गये हैं. प्रवेश द्वार की दूसरी तरफ मां वैष्णो देवी की संपूर्ण आरती दी गयी है. इसी तरफ महालक्ष्मी का 6 फीट लंबा चित्र भी उकेरा गया है. प्रवेश द्वार के बीच में स्वर्ण और चांदी मिश्रित विशाल घंटी होगी. इसका वजन लगभग 25 किलोग्राम है. द्वार के भीतर त्रिदेव अर्थात ब्रह्मा, विष्णु और महेश का चित्र होगा. भगवान भाष्कर का चित्र भी प्रवेश द्वार के भीतर उकेरा गया है. द्वार के उपर गणपति गणेश और पवनसुत हनुमान की तस्वीर भी होगी. संगमरमर के बदले स्वर्ण प्रवेशद्वार माता वैष्णो देवी मंदिर के प्राचीन गुफा के प्रवेशद्वार में तीसरी दफे बदलाव किया गया है. 1962 में पहली दफे प्राचीन गुफा के प्रवेश द्वार पर संगमरमर लगाया गया था. उससे पहले श्रद्धालु सिर्फ प्राचीन गुफा होकर ही माता का दर्शन के लिए जाते थे. 14 साल पहले प्रवेश द्वार में फिर से बदलाव किया गया. 2005 में गुफा के प्रवेशद्वार पर मकराना का संगमरमर लगा कर इसे भव्य बनाया गया. लेकिन श्रद्धालु देश के दूसरे प्रमुख तीर्थ स्थलों की तरह माता के मंदिर का प्रवेश द्वार पीले रंग का करने की इच्छा जाहिर करते रहे. श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने श्रद्धालुओं की इच्छा को देखते हुए अपनी बैठक में स्वर्ण प्रवेशद्वार बनाने का फैसला लिया था. 65 दिनों में इस काम को पूरा कर लिया गया.