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DELHI: भारत में अंग्रेजों के जमाने में बने तीन कानून खत्म हो गए। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य बिल को अपनी मंजूरी दे दी है। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद अब ये तीनों बिल कानून बन गए हैं।
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने तीनों नए क्रिमिनल लॉ बिल को मंजूरी दे दी है। इससे पहले इन तीनों बिलों को लोकसभा और राज्यसभा से पारित किया गया था। इसके बाद इसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा गया था। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही अब ये तीनों बिल कानून बन गए हैं। अब आईपीसी को भारतीय न्याय संहिता, सीआरपीसी को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और इंडियन एविडेंस एक्ट को भारतीय साक्ष्य संहिता के नाम से जाना जाएगा।
बता दें कि कौन सा काम अपराध है और इसके लिए सजा क्या होगी, पहले यह आईपीसी से तय होता था लेकिन अब इसे भारतीय न्याय संहिता कहा जाएगा। वहीं गिरफ्तारी, जांच और मुकदमा चलाने की प्रक्रिया सीआरपीसी में लिखी गई हैं जबकि केस के तथ्यों को कैसे साबित किया जाएगा, बयान कैसे दर्ज होंगे, ये सब इंडियन एविडेंस एक्ट में है।