Life Style: डायबिटीज में कौन सी शुगर सही? जानें.. ब्राउन शुगर, व्हाइट शुगर और अन्य विकल्पों की सच्चाई

Life Style: डायबिटीज के मरीजों के लिए ब्राउन शुगर या व्हाइट शुगर दोनों ही सुरक्षित विकल्प नहीं हैं। ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने के लिए नेचुरल स्वीटनर, सीमित मात्रा में गुड़ या शहद, और डॉक्टर की सलाह से आर्टिफिशियल स्वीटनर का उपयोग बेहतर विकल्प है।

1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Fri, 12 Sep 2025 03:10:58 PM IST

Life Style

प्रतिकात्मक - फ़ोटो Google

Life Style: मिठास हर किसी को पसंद होती है, लेकिन डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए शुगर का चुनाव काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। अक्सर एक भ्रम रहता है कि ब्राउन शुगर ज्यादा हेल्दी होती है और डायबिटीज में इसका सेवन किया जा सकता है, जबकि कुछ लोग मानते हैं कि सफेद चीनी भी कम मात्रा में ठीक है। लेकिन सवाल यह है क्या वास्तव में ब्राउन शुगर डायबिटीज मरीजों के लिए बेहतर विकल्प है?


ब्राउन शुगर और व्हाइट शुगर दोनों ही गन्ने से बनाई जाती हैं। अंतर बस इतना है कि ब्राउन शुगर में थोड़ी मात्रा में गुड़ मिला होता है, जिससे इसका रंग हल्का भूरा और स्वाद थोड़ा अलग होता है। व्हाइट शुगर में कैलोरी अधिक होती हैं और इसे अधिक प्रोसेस किया जाता है। लेकिन दोनों ही प्रकार की चीनी डायबिटीज मरीजों के लिए सुरक्षित नहीं मानी जातीं, क्योंकि दोनों ही ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ा सकती हैं।


अगर डायबिटीज के मरीज मिठास का आनंद लेना चाहते हैं, तो उनके लिए कुछ स्वस्थ विकल्प मौजूद हैं। नेचुरल स्वीटनर्स जैसे- stevia, जिनमें कैलोरी नहीं होती और ये ब्लड शुगर नहीं बढ़ाते। गुड़- गुड़ में कुछ पोषक तत्व होते हैं, लेकिन डायबिटीज मरीजों को सीमित मात्रा में ही लेना चाहिए। शहद- इसमें भी शुगर होती है, इसलिए इसे सिर्फ सीमित मात्रा और डॉक्टर की सलाह से ही सेवन करें। 


आर्टिफिशियल स्वीटनर्स जैसे- sucralose या aspartame, लेकिन इनका सेवन सिर्फ चिकित्सकीय सलाह के बाद करें। डायबिटीज कंट्रोल में रखने के लिए प्रोसेस्ड शुगर और मिठाइयों से दूरी बनाएं। फल, सब्जियां, ओट्स और ब्राउन राइस का सेवन बढ़ाएं। नियमित व्यायाम, योग और समय पर दवाओं का सेवन डायबिटीज कंट्रोल में सहायक होते हैं।


ब्राउन और व्हाइट शुगर दोनों ही डायबिटीज के मरीजों के लिए सही विकल्प नहीं हैं। ये ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ा सकती हैं। ऐसे में नेचुरल या डॉक्टरी सलाह पर आधारित विकल्प ही सुरक्षित हैं। अगर आपको शुगर को लेकर कोई भ्रम है, तो किसी एंडोक्राइनोलॉजिस्ट या डायटीशियन से सलाह