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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 12 Mar 2025 03:25:08 PM IST
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No Smoking Day: हर साल पूरे विश्व में मार्च के महीने में नो स्मोकिंग डे मनाया जाता है। दरअसल, आज दुनिया भर में नो स्मोकिंग डे (No Smoking Day 2025) मनाया जा रहा है। यह दिन हर साल मार्च के दूसरे बुधवार को मनाया जाता है। इसी क्रम में इस साल 12 मार्च को यह दिन मनाया जा रहा है। इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को स्मोकिंग छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करता है और लोगों को इससे होने वाले खतरों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए विशेष रूप से यह डे को मनाया जाता है।
सिगरेट पीना व स्मोकिंग करना सेहत के लिए बहुत हानिकारक होती है। इसकी वजह से कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जो कई बार जानलेवा भी साबित हो सकती हैं। खासकर महिलाओं के लिए स्मोकिंग कई मामलों में बहुत खतरनाक है। सी.के. बिरला हॉस्पिटल गुरुग्राम में क्रिटिकल केयर एवं पल्मोनोलॉजी के प्रमुख डॉ. कुलदीप कुमार ग्रोवर ने बताया है कि क्यों पुरुषों की तुलना में महिलाओं के लिए स्मोकिंग ज्यादा हानिकारक है. डॉक्टर बताते हैं कि महिलाओं को पुरुषों की तुलना में बायोलॉजिकल, हार्मोनल और मेटाबॉलिज्म संबंधी अंतरों के कारण धूम्रपान से बहुत नुकसान होता है।
धूम्रपान की वजह से पुरुष हो या महिला दोनों को ही फेफड़ों के कैंसर, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी (सीओपीडीऔर दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, लेकिन तंबाकू के कम इस्तेमाल के बावजूद महिलाएं इस कंडीशन के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं। साथ ही कई अध्ययनों से यह भी पता चलता है कि महिलाओं में पुरुषों की तुलना फेफड़े का कैंसर काफी पहले हो जाता है और कम सिगरेट पीने से भी कैंसर हो जाता है।
महिलाओं के फेफड़े तंबाकू के हानिकारक प्रभावों के प्रति बहुत संवेदनशील होते हैं, जिसकी वजह से उन्हें रेस्पिरेटरी संबंधी समस्याओं का खतरा ज्यादा रहता है। इसके साथ ही स्मोकिंग करने वाली महिलाओं को प्रजनन संबंधी समस्याओं, प्रेग्नेंसी संबंधी कठिनाई होती है और समय से पहले मेनोपॉज के समस्या की संभावना होती है।
महिलाओं में विशेष रूप से गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल करने वाली महिलाओं में हार्ट डिजीज का खतरा काफी बढ़ जाता है, क्योंकि स्मोकिंग ब्लड वेसल्स को सिकोड़ देते हैं। जिससे थक्के जमने की प्रवृत्ति को बढ़ा देता है। इसके अलावा हार्मोनल उतार-चढ़ाव भी निकोटीन मेटाबॉलिज्म को ज्यादा प्रभावित करते हैं, जिससे महिलाओं में इसकी लत और मजबूत हो जाती है और इसे छोड़ना उनके लिए ज्यादा मुश्किल होता है। इतना ही नहीं तंबाकू में मौजूद केमिकल त्वचा के कोलेजन को भी नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे समय से पहले बुढ़ापा आ जाता है।