1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 27 Jul 2025 08:11:13 PM IST
घोटाले की जांच की मांग - फ़ोटो GOOGLE
DESK: महाराष्ट्र सरकार की महिला सशक्तिकरण स्कीम "मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना" अब विवादों में घिरती जा रही है। एनसीपी (एसपी) की वरिष्ठ नेता और सांसद सुप्रिया सुले ने गंभीर आरोप लगाया है। कहा है कि इस योजना के तहत 14298 पुरुषों को 21 करोड़ रुपये का लाभ दिया गया है, जबकि यह योजना विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं के लिए बनाई गई थी।
अगस्त 2024 में महाराष्ट्र सरकार ने इस स्कीम की शुरुआत की थी। जिसमें महिलाओं को प्रतिमाह 1,500 रुपये की सहायता राशि देने का प्रावधान है। इसका उद्देश्य राज्य की वंचित और गरीब महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है। पुणे में मीडिया से बातचीत करते हुए एनसीपी (एसपी) की नेता सुप्रिया सुले ने कहा कि "14 हजार पुरुषों को इस योजना का लाभ कैसे मिला, इसकी जांच होनी चाहिए। किस अधिकारी या ठेकेदार ने पुरुषों का नाम इसमें शामिल किया? जब सरकार छोटे-छोटे मामलों में CBI और ED की जांच कराती है, तो इस मामले में भी तत्काल CBI जांच की घोषणा की जानी चाहिए।" उन्होंने इसे "व्यवस्था की विफलता और सुनियोजित गड़बड़ी" बताया और कहा कि जनता के पैसे के दुरुपयोग पर कोई चुप नहीं रह सकता।
राज्य के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजीत पवार ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि "लाडकी बहिन योजना में पुरुषों को लाभ देने का कोई औचित्य नहीं है। अगर किसी पुरुष को लाभ दिया गया है, तो उससे पूरी राशि वसूली जाएगी। सहयोग न करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।" उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि कुछ महिलाएं भी ऐसी पाई गईं जिनके पास पहले से नौकरी थी, फिर भी उन्हें लाभ मिल रहा था। अब उन नामों को सूची से हटाया जा रहा है।
बता दें कि लाडकी बहिन योजना अगस्त 2024 में शुरू की गई थी, जिसका मकसद राज्य की 21 से 65 वर्ष की आयु की आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करना है। लेकिन इसका लाभ पुरुषों को भी दिया गया। इस मामले पर महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने बताया कि आईटी विभाग की जांच में 26.34 लाख लाभार्थी अपात्र पाए गए।
कुछ पुरुषों ने भी आवेदन किया था। ऐसे मामलों में लाभ अस्थायी रूप से निलंबित कर दिए गए हैं। पात्रता की समीक्षा के बाद ही राशि पुनः शुरू की जाएगी। यह मामला अब राजनीतिक रूप से गर्माने लगा है। विपक्ष ने राज्य सरकार पर “लोक-लुभावन योजनाओं के नाम पर घोटाले” का आरोप लगाया है, वहीं सरकार ने मामले की जांच की बात कहकर स्थिति को संभालने की कोशिश की है। सुप्रिया सुले ने मामले की CBI से जांच कराने की मांग की है।