10 साल तक JE पद पर काम, लेकिन डिग्री निकली फर्जी, खगड़िया नगर परिषद में बड़ा घोटाला उजागर बेगूसराय में करंट से चाचा-भतीजी की मौत, ई-रिक्शा चार्ज करते समय हुआ हादसा BIHAR: अवैध खनन के खिलाफ खान एवं भूतत्व विभाग की कार्रवाई, 7 दिन में 1000 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी पटना SSP की टीम में होंगे 'ऑपरेशन स्पेशलिस्ट' ! नक्सलियों-कुख्यातों पर काल बनकर किया है प्रहार...अब अपराधियों के लिए आफत बनेंगे ''अफसर हुसैन'' BIHAR: पागल कुत्ते ने 50 से अधिक लोगों को काटा, गुस्साए लोगों ने लाठी-डंडे से पीटकर मार डाला Bihar News: स्टेट हाइवे में तब्दील होगी बिहार की यह सड़क, इन 3 जिलों के लोगों को होगा विशेष लाभ मुंगेर में बिजली विभाग के खिलाफ सड़क पर प्रदर्शन, शॉर्ट सर्किट से गुस्साए लोगों ने किया हंगामा Bihar News: बिहार के इस जिले में लगने जा रही टेक्सटाइल इंडस्ट्री, खर्च होंगे ₹400 करोड़ कांग्रेस की दुर्गति: 'अल्लावरू' ऐसे औंधे मुंह गिरे, अब रैली कराने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे !....तो बक्सर में सुपर फ्लॉप रैली के नायक बन कर उभरे बिहार प्रभारी ? महिला डांसर को बंधक बनाकर सरेआम बेल्ट से पीटने का वीडियो वायरल, न्याय के लिए दर-दर भटक रही पीड़िता
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 28 Jul 2025 03:56:49 PM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar News: बिहार के सीमांचल क्षेत्र में आवागमन को सुगम बनाने के लिए बलुआ-जोकीहाट सड़क को पथ निर्माण विभाग ने स्टेट हाइवे में तब्दील करने की मंजूरी दे दी है। यह सड़क अब टू-लेन इंटरमीडिएट लेन के रूप में विकसित होगी, जिसकी चौड़ाई 5.5 मीटर (18.04 फीट) होगी। जोकीहाट विधायक शाहनवाज आलम ने 27 जुलाई को मीडिया को बताया है कि यह सड़क अमौर प्रखंड के गेरुआ चौक से शुरू होकर दलमालपुर, बलुआ, चकई, मटियारी, जोकीहाट, पलासी, कलियागंज होते हुए नेपाल सीमा तक 66 किलोमीटर लंबी होगी। इस परियोजना से अररिया, किशनगंज, पूर्णिया और सीमांचल के अन्य क्षेत्रों के निवासियों को आवागमन में काफी सुविधा मिलेगी।
वर्तमान में यह सड़क कई हिस्सों में सिंगल लेन है, विशेषकर जोकीहाट के कुरसेल पंचायत के बलुआ चौक से नगर पंचायत जोकीहाट तक इसके सिंगल लेन होने से लोगों को काफी दिक्कतें होती हैं। दशकों से इसकी खराब स्थिति और संकरी चौड़ाई परेशानी का कारण रही है। टू-लेन स्टेट हाइवे में तब्दील होने से यह सड़क न केवल चौड़ी होगी बल्कि मजबूत और सुरक्षित भी हो जाएगी।
विधायक शाहनवाज आलम ने इस बारे में बात करते हुए बताया है कि उन्होंने इस मुद्दे को विधानसभा में कई बार उठाया और पथ निर्माण विभाग के मंत्री और अधिकारियों से पटना में मुलाकात कर इस सड़क को स्टेट हाइवे का दर्जा दिलवाया। जिसके बाद अपर मुख्य सचिव, पथ निर्माण विभाग और क्षेत्रीय मुख्य अभियंता ने इस सड़क को मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड (MDR) से स्टेट हाइवे में उन्नयन के लिए प्राथमिक सहमति दे दी है।
परियोजना का विवरण
- लंबाई: 66 किलोमीटर (गेरुआ चौक, अमौर से पलासी, नेपाल सीमा तक)
- चौड़ाई: 5.5 मीटर (18.04 फीट), टू-लेन इंटरमीडिएट लेन
- मार्ग: गेरुआ चौक, दलमालपुर, बलुआ, चकई, मटियारी, जोकीहाट, पलासी, कलियागंज, नेपाल सीमा
- लाभार्थी जिले: अररिया, किशनगंज, पूर्णिया
- प्रबंधन: बिहार पथ निर्माण विभाग
- स्थिति: प्राथमिक मंजूरी प्राप्त, जल्द शुरू होगी जमीन अधिग्रहण और निर्माण की भी प्रक्रिया
आने वाले समय में यह सड़क सीमांचल क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी बनेगी जो नेपाल सीमा के साथ व्यापार और आवागमन को बढ़ावा देगी। अररिया, किशनगंज और पूर्णिया के निवासियों को स्थानीय बाजारों तक पहुँचने में भी आसानी होगी। यह सड़क NH-327E (सुपौल-जोकीहाट-अररिया-ठाकुरगंज-सिलीगुड़ी) और NH-27 (पूर्णिया-अररिया-दरभंगा-मुजफ्फरपुर) के साथ कनेक्टिविटी को और मजबूत करेगी।
नेपाल सीमा से निकटता के कारण, यह सड़क स्थानीय व्यापारियों और किसानों के लिए माल परिवहन को आसान बनाएगी, जिससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा। हाल ही में पूर्णिया और किशनगंज में SH-99 (बायसी-बहादुरगंज-दिघलबैंक) ने स्थानीय बाजारों को जोड़ा है और आगे अब इस सड़क के चौड़ीकरण के बाद क्षेत्र में विकास को और गति मिलेगी।
बताते चलें कि बलुआ-जोकीहाट सड़क का स्टेट हाइवे में उन्नयन बिहार सरकार के सात निश्चय-2 और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 2025-30 तक एक करोड़ रोजगार सृजित करने के लक्ष्य का ही हिस्सा है क्योंकि बेहतर सड़कें ही औद्योगिक और आर्थिक विकास को गति देती हैं। इस परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण और निर्माण कार्य जल्द शुरू होने की उम्मीद है।
हालाँकि, अररिया और किशनगंज जैसे क्षेत्रों में पहले भी सड़क परियोजनाओं में जमीन अधिग्रहण और मुआवजे को लेकर विवाद देखे गए हैं। ऐसे में स्थानीय प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रक्रिया पारदर्शी हो और प्रभावित किसानों को सही समय पर उचित मुआवजा प्रदान किया जाए। साथ ही इसके निर्माण के दौरान मानसून और बाढ़ की चुनौतियों को भी ध्यान में रखना होगा।