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Bihar News: बिहार के इस जिले में लगने जा रही टेक्सटाइल इंडस्ट्री, खर्च होंगे ₹400 करोड़

Bihar News: बिहार के इस जिले में 400 करोड़ रुपये की लागत से टेक्सटाइल इंडस्ट्री स्थापित हो रही है। 2 किमी क्षेत्र में फैली यह परियोजना युवाओं को देगी हजारों नौकरियां। जानिए बिहार सरकार का पूरा प्लान...

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 28 Jul 2025 02:48:29 PM IST

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प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google

Bihar News: बिहार के मधुबनी जिले के पंडौल औद्योगिक क्षेत्र में टेक्सटाइल उद्योग की स्थापना से जल्द ही राज्य में नौकरियों की बहार आने वाली है। बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (BIADA) के तहत 400 करोड़ रुपये की लागत से शुरू इस परियोजना में पुराने बंद पड़े सूत मिल को अत्याधुनिक टेक्सटाइल हब में तब्दील किया जा रहा है।


यह उद्योग 2 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला होगा। जिसमें कई छोटी-बड़ी टेक्सटाइल कंपनियां स्थापित होंगी। इसका निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है और जल्द ही इमारतें भी तैयार हो जाएंगी। इस पहल से स्थानीय युवाओं को रोजगार तो मिलेगा ही साथ में राज्य से पलायन की समस्या पर भी लगाम लगेगी।


2 किमी क्षेत्र में फैला होगा उद्योग

पंडौल औद्योगिक क्षेत्र को बिहार सरकार एक आधुनिक औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित कर रही है। पहले इस क्षेत्र में एक सूत मिल संचालित था जो कि कई वर्षों से बंद पड़ा था। अब BIADA ने इस 2 किलोमीटर के क्षेत्र को टेक्सटाइल उद्योग का केंद्र बनाने का निर्णय लिया है। यहाँ विभिन्न प्रकार की टेक्सटाइल इकाइयाँ स्थापित की जाएंगी जो कपास, रेशम और अन्य कपड़ा उत्पादों का निर्माण करेंगी।


निर्माण के साथ-साथ यहाँ सड़क, नाली, पानी और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएँ भी विकसित की जा रही हैं ताकि उद्योगों को संचालन में कोई परेशानी न हो। दावा तो यह भी किया गया है कि मधुबनी के लोहट औद्योगिक क्षेत्र में भी 70 करोड़ रुपये के निवेश से टेक्सटाइल यूनिट स्थापित हो रही है जो प्रति वर्ष 1 लाख मीटर फैब्रिक उत्पादन करेगी और 750 स्थानीय युवाओं को रोजगार देगी। हालाँकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि बिहार सरकार या BIADA से अब तक नहीं हुई है।


रोजगार और पलायन

बिहार से हर साल लाखों युवा रोजगार की तलाश में दिल्ली, पंजाब, गुजरात और अन्य राज्यों में पलायन करते हैं। 2021-22 के पेरियॉडिक लेबर फोर्स सर्वे के अनुसार बिहार में 15-29 आयु वर्ग में बेरोजगारी दर 20.1% है जो कि राष्ट्रीय औसत (12.4%) से काफी अधिक है। पंडौल में टेक्सटाइल उद्योग की स्थापना से स्थानीय स्तर पर हजारों नौकरियाँ सृजित होने की उम्मीद है। जिससे युवाओं को अपने ही राज्य में सम्मानजनक रोजगार मिलेगा।


ज्ञात हो कि बिहार बिजनेस कनेक्ट 2023 में टेक्सटाइल और चमड़ा क्षेत्र में 554.40 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों पर हस्ताक्षर हुए थे। जिनमें मधुबनी के पंडौल में सावी लेदर्स द्वारा 274 करोड़ रुपये और माँ प्रभवती टेक्सटाइल मिल्स द्वारा 94 करोड़ रुपये के निवेश शामिल थे। ये सभी निवेश बिहार को टेक्सटाइल और चमड़ा क्षेत्र में उभरता हुआ हब बनाने की दिशा में काफी अहम भूमिका निभाने वाले हैं।


बिहार सरकार का लक्ष्य

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2025-30 तक बिहार में एक करोड़ नौकरी और रोजगार सृजित करने का लक्ष्य रखा है। बिहार टेक्सटाइल एंड लेदर पॉलिसी 2022 के तहत सरकार निवेशकों को 15% पूंजी सब्सिडी (अधिकतम 10 करोड़ रुपये), 2 रुपये प्रति यूनिट बिजली सब्सिडी और प्रति कर्मचारी 5,000 रुपये मासिक सब्सिडी जैसे प्रोत्साहन भी दे रही है।


मधुबनी में पंडौल औद्योगिक क्षेत्र का विकास इस नीति का हिस्सा है। जिसका उद्देश्य बिहार को टेक्सटाइल और चमड़ा उद्योग में राष्ट्रीय और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा बनाना है। बिहार बिजनेस कनेक्ट 2024 में 1.8 लाख करोड़ रुपये के 423 MoU साइन हुए थे, जिनमें टेक्सटाइल क्षेत्र प्रमुख रहा था। इधर बिहटा में ड्राई पोर्ट की स्थापना से बिहार के उत्पाद नेपाल, भूटान और खाड़ी देशों तक आसानी से निर्यात हो रहे हैं। यह पोर्ट आगे मधुबनी के उद्योगों को भी लाभ देगा।


मधुबनी का टेक्सटाइल इतिहास

मधुबनी जिला पहले से ही अपनी हैंडलूम और हस्तशिल्प परंपरा के लिए जाना जाता रहा है। खासकर अपने मिथिला पेंटिंग और सूती कपड़ा उत्पादन के लिए। इस जिले में 40 से अधिक होजरी फैक्ट्रियाँ मौजूद हैं जो स्थानीय स्तर पर कपास आधारित उत्पाद बनाती हैं। पंडौल में नया टेक्सटाइल हब इस परंपरा को अब आधुनिक तकनीक के साथ जोड़ेगा, जिसमें पावरलूम और ऑटोमेटेड मशीनों का उपयोग होगा।