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09-Feb-2025 07:32 PM
Delhi BJP Free Promises: दिल्ली चुनाव में जीत के बाद बीजेपी के लिए मुफ्त की रेवड़ी एक बड़ी चुनौती है. मुफ्त के वादे को चालू रखने के लिए इसके गणित को समझना जरुरी है. बीजेपी ने केजरीवाल को उनके पसंदीदा सामाजिक कल्याण के मुद्दे पर मात देने के लिए मतदाताओं से कई महत्वाकांक्षी वादे किए हैं. अर्थशास्त्री की माने तो मुफ्त के वादों को पूरा करना नई सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण होने वाला है.इससे बजट पर भी बोझ पड़ेगा.
दिल्ली में फिलहाल नई और पहले से चल रही कल्याणकारी योजनाओं पर सालाना 25,000 करोड़ रुपये से अधिक की जरूरत होगी. इसमें AAP सरकार की ओर से पहले से चल रही मुफ़्त पानी और बिजली योजनाओं को जारी रखने के लिए 11,000 करोड़ रुपये शामिल हैं.फिलहाल AAP सरकार 18,000 करोड़ रुपये की वित्तीय देनदारी के तहत चल रही थी. नई सरकार को अपने राजस्व वितरण में सख्त होना होगा. साथ ही सभी नई कल्याणकारी योजनाओं को निधि देने के लिए पूंजीगत व्यय या अन्य क्षेत्रों से धन निकालना होगा. दूसरा विकल्प केंद्र की मदद लेना हो सकता है.
दिल्ली का नए वित्त वर्ष का बजट मार्च में पेश होगा. नई सरकार को चुनाव में अपने किए वादों और योजनाओं के लिए काम करना होगा. धन प्राप्त करने के लिए गणित पर काम करना होगा.इसके साथ ही स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र पर भी काम करने की जरुरत है. आप सरकार ने सात नए अस्पतालों और पहले से स्वीकृत 17 अन्य के अपग्रेड के विस्तार के लिए 10,200 करोड़ रुपये की आवश्यकता है. इसके अलावा इन सुविधाओं को संचालित करने के लिए 8,000 करोड़ रुपये का वार्षिक बजट भी चाहिए. दिल्ली मेट्रो परियोजनाओं के लिए तीसरे चरण को पूरा करने और चौथे चरण के विस्तार के लिए 2,700 करोड़ रुपये की आवश्यकता है.
बीजेपी के मुख्य वादे-
महिलाओं को 2,500 रुपये की मासिक गारंटी
बुजुर्गों के लिए 2,500 रुपये की मासिक पेंशन
70 से अधिक उम्र वालों के लिए 3,000 रुपये तक की बढ़ोतरी
गर्भवती माताओं के लिए 21,000 रुपये
केजी से पीजी तक मुफ्त शिक्षा
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