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17-Aug-2021 09:04 PM
PATNA: बिहार में अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़ा-अति पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के लिए नीतीश सरकार ने नयी नीति बना दी है। राज्य कैबिनेट से आज इसकी मंजूरी मिल गयी। सरकार ने इन वर्गों के छात्र-छात्राओं को पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति के लिए आय सीमा बढ़ा दी है।
ढ़ाई से तीन लाख रूपये की गयी आय सीमा
दरअसल पहले से एससी-एसटी से लेकर पिछ़ड़ा-अति पिछड़ा वर्ग के छात्र छात्राओं के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति योजना चल रही है. लेकिन इसका लाभ उन्हीं छात्र-छात्राओ को मिलता है जिनकी पारिवारिक आय़ ढ़ाई लाख रूपये तक होती है. ढ़ाई लाख रूपये की आयसीमा केंद्र सरकार ने तय कर रखी है. 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने ये एलान किया था कि पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए अजा-अजजा और अन्य पिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए पारिवारिक आय की जो सीमा भारत सरकार ने तक कर रखी है उसमें बिहार सरकार इजाफा करेगी. बिहार सरकार भारत सरकार द्वारा तय ढ़ाई लाख रूपये आय की सीमा को बढ़ाकर तीन लाख रुपये करेगी.
मुख्यमंत्री के एलान के मुताबिक बिहार कैबिनेट ने आज दो नयी योजनाओं को मंजूरी दी. एससी-एसटी छात्र-छात्राओं के लिए मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति प्रवेशिकोत्तर छात्रवृति योजना और अन्य पिछड़े वर्ग के लिए मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग प्रवेशिकोत्तर छात्रवृति योजना को मंजूरी दी गयी. हालांकि इन योजनाओं का लाभ बेहद कम छात्र-छात्राओं को ही मिल पायेगा. मात्र 50 हजार आय सीमा बढ़ाने से इस दायरे में कुछ हजार स्टूडेंट ही जुड़ पायेंगे.