Bihar Crime News: बिहार में स्कूल से घर लौट रहे शिक्षक का अपहरण, बदमाशों ने मांगी पांच लाख की फिरौती Bihar Politics: ‘9वीं फेल बेटे को सीएम बनाना चाहते हैं लालू, बच्चों की चिंता कोई उनसे सीखे’ प्रशांत किशोर का तंज Bihar Politics: ‘9वीं फेल बेटे को सीएम बनाना चाहते हैं लालू, बच्चों की चिंता कोई उनसे सीखे’ प्रशांत किशोर का तंज BIHAR NEWS : गर्लफ्रेंड से मिलने गए युवक की हत्या, 2 साल से था अफेयर Fake Currency Racket: कहां मिले बस से दो करोड़ के नकली नोट? फेक करेंसी के बड़े सिंडिकेट का हो सकता है खुलासा Fake Currency Racket: कहां मिले बस से दो करोड़ के नकली नोट? फेक करेंसी के बड़े सिंडिकेट का हो सकता है खुलासा Bihar News: पटना में इस दिन होगा 'यूथ ऑफ बिहार @2047 स्टूडेंट कॉन्क्लेव', केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान करेंगे संबोधित Bihar News: पटना में इस दिन होगा 'यूथ ऑफ बिहार @2047 स्टूडेंट कॉन्क्लेव', केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान करेंगे संबोधित Success Story: IBM की नौकरी छोड़ बने IPS बने लोढ़ा , जानिए अचनाक क्यों होने लगी नाम की चर्चा गोपालगंज में महावीरी जुलूस के दौरान अश्लील डांस, मुन्ना किन्नर ने मंच से उड़ाए नोट, वीडियो वायरल
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 07 Jul 2025 07:48:55 AM IST
बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE
Bihar News: बिहार सरकार की ‘गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति’ की महत्वाकांक्षी योजना में अब गंभीर खामियां उजागर हो रही हैं। पुनरोत्थान वितरण क्षेत्र योजना (RDSS) के तहत मोतिहारी में चल रहे विद्युत कार्यों में घटिया गुणवत्ता के उपकरण लगाए जाने और स्थानीय इंजीनियरों की लापरवाही के मामले सामने आए हैं। मामले के खुलासे के बाद बिजली होल्डिंग कंपनी ने पूरे राज्य में चल रही सभी बिजली परियोजनाओं की गहन तकनीकी जांच कराने का निर्णय लिया है।
अप्रैल 2025 में RDSS के तहत हो रहे कार्यों की त्रि-स्तरीय तकनीकी कमेटी द्वारा 11 से 13 अप्रैल तक की गई जांच में, मोतिहारी अंचल में लगाए गए पावर ट्रांसफॉर्मर और एरियल बंच केबल (AB Cable) की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े हुए। इसके बाद उत्तर बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के तत्कालीन प्रबंध निदेशक नीलेश रामचंद्र देवरे ने उपकरणों की सटीक जांच के लिए उन्हें सेंट्रल पावर रिसर्च इंस्टीट्यूट (CPRI), भोपाल भेजने का आदेश दिया। साथ ही, सभी अंचलों को निर्देशित किया गया कि वे अपने क्षेत्र में RDSS के तहत किए जा रहे कार्यों की स्वतंत्र जांच कराएं।
मोतिहारी में पाई गई अनियमितताओं को देखते हुए होल्डिंग कंपनी ने राज्यभर में सभी बिजली परियोजनाओं की एकसमान मानकों के आधार पर जांच कराने का निर्णय लिया है। तत्कालीन CMD पंकज कुमार पाल के निर्देश पर मुख्य अभियंता मुर्तजा हेलाल ने उत्तर एवं दक्षिण बिहार के सभी MDs को औपचारिक पत्र जारी किया है।पत्र में यह स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि केंद्रीय, राज्य एवं बाह्य सहायता प्राप्त सभी परियोजनाओं के तहत उपयोग किए गए उपकरणों की गुणवत्ता की जांच कराई जाए। इसके लिए मानक तय किए गए हैं जिनके आधार पर पोल, पावर ट्रांसफॉर्मर, वितरण ट्रांसफॉर्मर, मीटर, सर्किट ब्रेकर, AB केबल, ओवरहेड कंडक्टर और इंसुलेटर की जांच अनिवार्य की गई है।
बिजली कंपनी ने यह भी साफ कर दिया है कि अगर किसी उपकरण की गुणवत्ता संदिग्ध पाई जाती है या वह तय मानकों पर खरा नहीं उतरता है, तो उसे तुरंत हटाकर बदला जाएगा।दोषी एजेंसी को 5 वर्षों के लिए ब्लैकलिस्ट किया जाएगा। घटिया उपकरणों को लाने-ले जाने का सारा खर्च एजेंसी से वसूला जाएगा। दोबारा वही उपकरण फेल हुए तो पूरे बैच को बदला जाएगा।
RDSS योजना का उद्देश्य राज्य के ग्रामीण और शहरी उपभोक्ताओं को निरंतर और गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करना था। लेकिन घटिया कार्य और उपकरणों के चलते बिजली की आपूर्ति में बार-बार बाधा, ट्रांसफॉर्मर जलने और लाइन फॉल्ट जैसी समस्याएं सामने आ रही हैं। इससे उपभोक्ताओं में नाराजगी भी बढ़ी है। बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्वीकार किया है कि इस तरह की घटनाएं राज्य की छवि और उपभोक्ताओं की उम्मीदों दोनों को नुकसान पहुंचा रही हैं। अब निगरानी की प्रक्रिया को मजबूत करने और स्थानीय अभियंताओं की जवाबदेही तय करने की जरूरत है।