ब्रेकिंग न्यूज़

गोपालगंज डीएम ने सबेया एयरपोर्ट कार्यों में तेजी के दिए निर्देश, नियमित समीक्षा का ऐलान Akshay Kumar की अगली 5 फ़िल्में, हर एक पर लिखा है 'ब्लॉकबस्टर मैटेरियल' Shreyas Iyer: कप्तानी को लेकर श्रेयस अय्यर का बड़ा बयान, IPL ख़त्म होने के बाद पहली बार खुलकर बोले प्रशांत किशोर ने डिप्टी सीएम पद नहीं मांगा, बल्कि 2015 में नीतीश कुमार की कुर्सी बचाई थी: जन सुराज के महासचिव ने जेडीयू MLC को दिया करारा जवाब Patna News: पटना में बिहार का पहला डबल डेकर पुल बनकर तैयार, सीएम नीतीश इस दिन देंगे बड़ी सौगात Patna News: पटना में बिहार का पहला डबल डेकर पुल बनकर तैयार, सीएम नीतीश इस दिन देंगे बड़ी सौगात 8 साल बाद सर्किल रेट बढ़ने से अयोध्या में महंगी हुई जमीन: अब बिहार में हो रही यह चर्चा Bihar Crime News: शराब माफिया से यारी पड़ी भारी, ऑडियो वायरल होने पर थानेदार और ALTF प्रभारी सस्पेंड Bihar Crime News: शराब माफिया से यारी पड़ी भारी, ऑडियो वायरल होने पर थानेदार और ALTF प्रभारी सस्पेंड Bihar News: बिहार के थानेदार समेत तीन पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज, लापरवाही बरतने पर SP ने नाप दिया

नीली क्रांति की तरफ बढ़ रहा मुजफ्फरपुर, जानिए कौन-कौन सी सुविधाएं दे रही सरकार

नीली क्रांति की तरफ बढ़ रहा मुजफ्फरपुर, जानिए कौन-कौन सी सुविधाएं दे रही सरकार

20-Aug-2020 01:59 PM

MUZAFFARPUR: मुजफ्फरपुर जिला अब नीली क्रांति की तरफ बढ़ता जा रहा है. जी हां, हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि मुजफ्फरपुर में मछली उत्पादन बड़ी तादाद में होने लगा है. आपको बता दें कि जिले में तक़रीबन 28.50 हजार टन मछली का उत्पाद हो रहा है. यहां कुल पोखरों का क्षेत्रफल 12,650 हेक्टेयर है. 4000 हेक्टेयर में आर्द्र भूमि व 2500 हेक्टेयर में मन है. जबकि यहां की नदियां 432 किमी में फैली हुई हैं. जाहिर सी बात है कि इतनी सुविधाएं होने के बाद यह कहा जा रहा है कि मुजफ्फरपुर जिले मत्स्य पालन के लिए अनुकूल है. 


मत्स्य उत्पाद से बड़ी तादाद में लोगों को रोजगार मिलने की भी सम्भावना है. गौरतलब है कि केंद्र सरकार अभी लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है जिसमें मत्स्य पालन काफी मददगार साबित हो सकता है. इन योजनाओं से 40 से 90 फीसद अनुदानत दिया जा रहा है. अच्छी बात यह है कि जिले के लगभग छह लाख लोग मत्स्य पालन पर निर्भर हैं. 


मछुआरों के लिए भी सरकार कई सुविधाएं उपलब्ध करवा रही है.  मछुआरों के लिए 28 पक्का मकान के निर्माण हेतु 1.20 लाख प्रति यूनिट की दर से राशि उपलब्ध कराई गई है. मत्स्य कार्य में सक्रिय 23,000 मछुआरों का बीमा कराया गया है. समेकित मत्स्य पालन में मत्स्य पालन का खर्च कम करने के लिए प्रायोगिक तौर पर 8 एकड़ में मछली-सह- मुर्गी पालन का भी कार्य कराया गया है ताकि मछुआरे और अधिक मुनाफा कमा सकें. मत्स्य कृषकों को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से वित्तपोषण कराने हेतु कुल 350 आवेदन प्राप्त कर विभिन्न बैंकों को प्रेषित की जा चुकी है. इसके तहत 1.50 लाख प्रति हेक्टेयर की दर से बैंकों द्वारा मत्स्य पालन हेतु ऋण उपलब्ध कराई जा रही है. फिलहाल जिले में 500 कृषकों को नई तकनीक से मत्स्यपालन करने के लिए ट्रेनिंग भी दी जा रही है.