Bihar News: बिहार के स्कूल से अपहृत बच्चा इस राज्य से बरामद, अपहरणकर्ता चढ़ा पुलिस के हत्थे Bihar News: बिहार के अस्पतालों में नहीं होगा इलाज, हड़ताल पर गए डॉक्टर; क्या नीतीश सरकार पूरी करेंगे मांग Bihar News: 'मंत्री का प्रचार किया तो छह इंच छोटा कर देंगे', बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नक्सली पर्चा और धमकी मिलने से दहशत Bihar News: महापर्व छठ को यूनेस्को टैग दिलाने में जुटी भारत सरकार, कई देशों ने दिया साथ का आश्वासन Bihar Teacher News: त्योहारी सीजन में तनख्वाह से क्यों वंचित हैं शिक्षक? जानिए... वजह Bihar Weather: बिहार में अगले 3 दिन भारी बारिश, IMD का अलर्ट जारी मुजफ्फरपुर: पशु व्यवसायी से लूट का आरोपी 24 घंटे में गिरफ्तार, कैश भी बरामद सरैया बाजार से अयोध्या के लिए 17वां जत्था रवाना, अजय सिंह का हुआ जोरदार स्वागत Bihar News: ‘परिवार बचाओ, संपत्ति बचाओ यात्रा पर निकले हैं तेजस्वी’ रोहित कुमार सिंह का बड़ा हमला Bihar News: ‘परिवार बचाओ, संपत्ति बचाओ यात्रा पर निकले हैं तेजस्वी’ रोहित कुमार सिंह का बड़ा हमला
20-Aug-2020 01:59 PM
MUZAFFARPUR: मुजफ्फरपुर जिला अब नीली क्रांति की तरफ बढ़ता जा रहा है. जी हां, हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि मुजफ्फरपुर में मछली उत्पादन बड़ी तादाद में होने लगा है. आपको बता दें कि जिले में तक़रीबन 28.50 हजार टन मछली का उत्पाद हो रहा है. यहां कुल पोखरों का क्षेत्रफल 12,650 हेक्टेयर है. 4000 हेक्टेयर में आर्द्र भूमि व 2500 हेक्टेयर में मन है. जबकि यहां की नदियां 432 किमी में फैली हुई हैं. जाहिर सी बात है कि इतनी सुविधाएं होने के बाद यह कहा जा रहा है कि मुजफ्फरपुर जिले मत्स्य पालन के लिए अनुकूल है.
मत्स्य उत्पाद से बड़ी तादाद में लोगों को रोजगार मिलने की भी सम्भावना है. गौरतलब है कि केंद्र सरकार अभी लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है जिसमें मत्स्य पालन काफी मददगार साबित हो सकता है. इन योजनाओं से 40 से 90 फीसद अनुदानत दिया जा रहा है. अच्छी बात यह है कि जिले के लगभग छह लाख लोग मत्स्य पालन पर निर्भर हैं.
मछुआरों के लिए भी सरकार कई सुविधाएं उपलब्ध करवा रही है. मछुआरों के लिए 28 पक्का मकान के निर्माण हेतु 1.20 लाख प्रति यूनिट की दर से राशि उपलब्ध कराई गई है. मत्स्य कार्य में सक्रिय 23,000 मछुआरों का बीमा कराया गया है. समेकित मत्स्य पालन में मत्स्य पालन का खर्च कम करने के लिए प्रायोगिक तौर पर 8 एकड़ में मछली-सह- मुर्गी पालन का भी कार्य कराया गया है ताकि मछुआरे और अधिक मुनाफा कमा सकें. मत्स्य कृषकों को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से वित्तपोषण कराने हेतु कुल 350 आवेदन प्राप्त कर विभिन्न बैंकों को प्रेषित की जा चुकी है. इसके तहत 1.50 लाख प्रति हेक्टेयर की दर से बैंकों द्वारा मत्स्य पालन हेतु ऋण उपलब्ध कराई जा रही है. फिलहाल जिले में 500 कृषकों को नई तकनीक से मत्स्यपालन करने के लिए ट्रेनिंग भी दी जा रही है.