रफ्तार ने ले ली जान: बेलगाम पिकअप ने साइकिल सवार को रौंदा, GMCH में इलाज के दौरान मौत कार्यकारी अध्यक्ष बनने के बाद पहली दफे पटना आयेंगे नितिन नबीन, कई कार्यक्रमों में होंगे शामिल, जानिये उनका मिनट टू मिनट प्रोग्राम BIHAR: महिला सिपाही के साथ आर्मी के जवान ने की छेड़खानी, विरोध करने पर जान से मारने की कोशिश बिहार में मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना, 8 रुपये का लालच देकर 5 साल के मासूम के साथ दरिंदगी Bihar News: बालू को लेकर 12 बिंदु पर समीक्षा, डिप्टी CM ने बुलाई हाईलेवल मीटिंग, क्या हैं बारह प्वाइंट्स... Bihar Teacher News: बिहार में प्रधान शिक्षकों को लेकर शिक्षा विभाग ने ले लिया बड़ा फैसला, जारी किए यह निर्देश Bihar Teacher News: बिहार में प्रधान शिक्षकों को लेकर शिक्षा विभाग ने ले लिया बड़ा फैसला, जारी किए यह निर्देश पटना में नितिन नबीन का रोड शो कल, घर से बाहर निकलने से पहले एक बार देख लें रूट चार्ट Bihar News: बिहार के 11 बालू व 8 भू माफियाओं की संपत्ति होगी जब्त, EOU ने ED को भेजा प्रस्ताव Bihar News: बिहार के 11 बालू व 8 भू माफियाओं की संपत्ति होगी जब्त, EOU ने ED को भेजा प्रस्ताव
20-Aug-2020 01:59 PM
MUZAFFARPUR: मुजफ्फरपुर जिला अब नीली क्रांति की तरफ बढ़ता जा रहा है. जी हां, हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि मुजफ्फरपुर में मछली उत्पादन बड़ी तादाद में होने लगा है. आपको बता दें कि जिले में तक़रीबन 28.50 हजार टन मछली का उत्पाद हो रहा है. यहां कुल पोखरों का क्षेत्रफल 12,650 हेक्टेयर है. 4000 हेक्टेयर में आर्द्र भूमि व 2500 हेक्टेयर में मन है. जबकि यहां की नदियां 432 किमी में फैली हुई हैं. जाहिर सी बात है कि इतनी सुविधाएं होने के बाद यह कहा जा रहा है कि मुजफ्फरपुर जिले मत्स्य पालन के लिए अनुकूल है.
मत्स्य उत्पाद से बड़ी तादाद में लोगों को रोजगार मिलने की भी सम्भावना है. गौरतलब है कि केंद्र सरकार अभी लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है जिसमें मत्स्य पालन काफी मददगार साबित हो सकता है. इन योजनाओं से 40 से 90 फीसद अनुदानत दिया जा रहा है. अच्छी बात यह है कि जिले के लगभग छह लाख लोग मत्स्य पालन पर निर्भर हैं.
मछुआरों के लिए भी सरकार कई सुविधाएं उपलब्ध करवा रही है. मछुआरों के लिए 28 पक्का मकान के निर्माण हेतु 1.20 लाख प्रति यूनिट की दर से राशि उपलब्ध कराई गई है. मत्स्य कार्य में सक्रिय 23,000 मछुआरों का बीमा कराया गया है. समेकित मत्स्य पालन में मत्स्य पालन का खर्च कम करने के लिए प्रायोगिक तौर पर 8 एकड़ में मछली-सह- मुर्गी पालन का भी कार्य कराया गया है ताकि मछुआरे और अधिक मुनाफा कमा सकें. मत्स्य कृषकों को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से वित्तपोषण कराने हेतु कुल 350 आवेदन प्राप्त कर विभिन्न बैंकों को प्रेषित की जा चुकी है. इसके तहत 1.50 लाख प्रति हेक्टेयर की दर से बैंकों द्वारा मत्स्य पालन हेतु ऋण उपलब्ध कराई जा रही है. फिलहाल जिले में 500 कृषकों को नई तकनीक से मत्स्यपालन करने के लिए ट्रेनिंग भी दी जा रही है.