ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Election 2025: ‘बिहार में बनेगी महागठबंधन की सरकार’, फर्स्ट फेज की वोटिंग खत्म होने के बाद मुकेश सहनी का दावा Bihar Election 2025: ‘बिहार में बनेगी महागठबंधन की सरकार’, फर्स्ट फेज की वोटिंग खत्म होने के बाद मुकेश सहनी का दावा Bihar Election 2025: पहले चरण की वोटिंग खत्म होने के बाद आरजेडी ने पार्टी नेताओं से की खास अपील, कौन सी बात का सता रहा डर? Bihar Election 2025: पहले चरण की वोटिंग खत्म होने के बाद आरजेडी ने पार्टी नेताओं से की खास अपील, कौन सी बात का सता रहा डर? Bihar Election 2025: पहले चरण की वोटिंग खत्म होने के बाद चिराग पासवान का बड़ा दावा, क्या बोले लोजपा (रामविलास) चीफ? Bihar Election 2025: पहले चरण की वोटिंग खत्म होने के बाद चिराग पासवान का बड़ा दावा, क्या बोले लोजपा (रामविलास) चीफ? Bihar Election 2025: ‘बिहार में नई ताकत बनकर उभरेगा जनशक्ति जनता दल’, तेज प्रताप यादव ने महुआ में अपनी जीत का किया दावा Bihar Election 2025: ‘बिहार में नई ताकत बनकर उभरेगा जनशक्ति जनता दल’, तेज प्रताप यादव ने महुआ में अपनी जीत का किया दावा Bihar Election 2025 : बिहार में रिकॉर्डतोड़ वोटिंग क‍िसकी डुबोएगी नैय्या ? इससे पहले इस साल हुआ था बंपर वोटिंग, किसकी बनी थी सरकार MUZAFFARPUR: कांटी में JDU प्रत्याशी पर मारपीट का आरोप, पारू में जन सुराज प्रत्याशी ने महागठबंधन के उम्मीदवार पर गंभीर आरोप लगाये

कई हजार करोड़ का खाद घोटाला जिसमें गिरफ्तार किये गये हैं RJD सांसद अमरेंद्रधारी सिंह

कई हजार करोड़ का खाद घोटाला जिसमें गिरफ्तार किये गये हैं RJD सांसद अमरेंद्रधारी सिंह

03-Jun-2021 02:41 PM

PATNA : आखिर क्या है वह खाद घोटाला जिसमें आज प्रवर्तन निदेशालय यानि ED ने राजद के राज्यसभा सांसद अमरेंद्रधारी सिंह को गिरफ्तार कर लिया है. अमरेंद्र धारी सिंह की गिरफ्तारी के बाद खाद घोटाले की बात तो आ रही है लेकिन आखिरकार ये घोटाला है क्या? इसे कब अंजाम दिया गया? कितने पैसे की हेराफेरी हुई? आपके जेहन में ढेर सारे सवाल उठ रहे होंगे. हम आपको विस्तार से उस घोटाले की जानकारी दे रहे हैं.


कई हजार करोड़ रूपये का है खाद सब्सिडी घोटाला
जिस घोटाले में गुरूवार को ईडी ने अमरेंद्र धारी सिंह को गिरफ्तार कर लिया है, वह कई हजार करोड़ रूपये का घोटाला है. देश की सबसे बड़ी सहकारी संस्था इफको औऱ भारत सरकार की कंपनी इंडियन पोटाश लिमिटेड ने कई निजी कंपनियों के साथ मिलकर इस घोटाले को अंजाम दिया. सारा खेल सरकार से किसानों को खाद यानि उर्वरक पर मिलने वाली सब्सिडी की बंदरबांट करने का है. 8 सालों तक लगातार हुए इस खेल में कई हजार करोड़ रूपये की लूट हुई. मामले की जांच सीबीआई कर रही थी. लेकिन बाद में जब इस घोटाले के आरोपियों की अकूत संपत्ति का पता चला गया तो ईडी भी मैदान में उतरी. ईडी ने ही आज अमरेंद्र धारी सिंह को गिरफ्तार कर लिया.


2007 से 2014 तक चला घोटाला
पहले हम आपको समझाते हैं कि घोटाला हुआ कैसे. दरअसल केंद्र सरकार किसानों को दी जाने वाली यूरिया, पोटाश जैसे उर्वरक पर मोटी सब्सिडी देती है. किसानों के लिए यूरिया, पोटाश जैसे खाद का दाम फिक्स कर दिया जाता है. खाद बनाने या आपूर्ति करने वाली कंपनियां सरकार को खाद का लागत मूल्य बताती है. किसानों के लिए तय किये दाम के अलावा लागत मूल्य का जो डिफरेंस होता है उसे केंद्र सरकार कंपनियों को सब्सिडी के तौर पर देती है. उदाहरण के लिए अगर सरकार ने तय कर रखा है कि किसानों को यूरिया 100 रूपये प्रति बोरी पर ही किसानों को बेचनी है. वहीं खाद आपूर्ति करने वाली संस्था इफको ये कहती है कि उसका यूरिया खाद की एक बोरी पर लागत डेढ़ सौ रूपये है तो सरकार पचास रूपये की सब्सिडी इफको को दे देगी. सब्सिडी के इसी खेल में कई हजार करोड रूपये का घोटाला हुआ.


कैसे हुआ घोटाला
खाद सब्सिडी घोटाले की जांच कर रही सीबीआई के मुताबिक सहकारी संस्था इफको और इंडियन पोटाश लिमिटेड ने 2007 से 2014 के बीच हजारों करोड के इस घोटाले को अंजाम दिया. दोनों कंपनियों ने देश औऱ विदेश की कुछ खाद औऱ कच्चा माल आपूर्ति करने वाली कंपनियों के साथ सांठ-गांठ की. उनसे बाजार भाव से काफी मंहगे दर पर यूरिया, पोटाश से लेकर अन्य उर्वरक खाद औऱ कच्चा माल की सेटिंग की गयी. कागजों में ये दिखाया गया कि काफी ऊंचे दाम पर विदेशों से खाद औऱ कच्चा माल मंगवाया गया है. लेकिन किसानों को तो फिक्स दाम पर ही खाद देना था. बाकी पैसा तो सरकार से सब्सिडी के तौर पर लेना था. सेटिंग के जरिये विदेशों से ऊंचे दाम पर कच्चा माल मंगवा कर सरकार से कई हजार करोड रूपये की गलत सब्सिडी ले ली गयी.


सीबीआई के मुताबिक करार इफको औऱ इंडियन पोटाश के अधिकारियों ने सप्लायर कंपनियों से करार किया कि वे ऊंची दर पर जो उर्वरक खऱीदेंगे उसके अवैध मुनाफे में हिस्सेदारी होगी. इफको औऱ इंडियन पोटाश के अधिकारियों को अवैध कमाई का बडा हिस्सा मिलेगा. लिहाजा इफको औऱ इंडियन पोटाश के अधिकारियों के साथ साथ विदेशों से खाद आपूर्ति करने वाली कंपनियां मालामाल हो गयीं.



इफको औऱ इंडियन पोटाश के MD ने लिया 685 करोड रूपये का कमीशन
खाद आपूर्ति घोटाले में पिछले महीने ही सीबीआई ने इफको के एमडी रहे यूएस अवस्थी और इंडियन पोटाश के एमडी रहे परविंदर सिंह गहलोत के 12 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी. सीबीआई की छापेमारी में पता चला कि खाद घोटाले में सिर्फ इन दोनों अधिकारियों ने 685 करोड़ रूपये का कमीशन लिया. दोनों अधिकारियों के बेटों के नाम पर कमीशन का पेमेंट हुआ. फर्जी कागजों के सहारे इस अवैध लेन देन को वैध बनाने की कोशिश भी गयी थी लेकिन सीबीआई की प्रारंभिक जाचं में ही सारा मामला क्लीयर हो गया.


अमरेंद्रधारी सिंह क्यों फंस गये
दरअसल सीबीआई ने पिछले महीने जो छापेमारी की थी उसमें बडे पैमाने पर अवैध कमाई औऱ उससे अवैध संपत्ति को अर्जित करने की बात सामने आयी थी. इसमें उन इफको औऱ इंडिशन पोटाश के अलावा उन कंपनियों के भी नाम आये जो इस घोटाले में शामिल थे. लिहाजा ईडी को भी इस मामले की जांच में शामिल किया गया. प्रवर्तन निदेशालय सूत्रों के मुताबिक खाद सब्सिडी घोटाले में ज्योति ट्रेडिंग नाम की एक कंपनी का सबसे बडी भूमिका सामने आय़ी. खाद सब्सिडी घोटाले में मोटा पैसा इसी कंपनी ने वारे-न्यारे किये थे.



ईडी सूत्रों के मुताबिक अमरेंद्र धारी सिंह इस कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट हुआ करता था. हालांकि कागज पर कंपनी के डायरेक्टर दूसरे लोग थे लेकिन सारा कामकाज अमरेंद्र धारी सिंह के हाथों में ही था. ईडी की जांच पड़ताल में पता चला कि खाद सब्सिडी घोटाले का मोटा पैसा अमरेंद्र धारी सिंह के पास आय़ा औऱ उस पैसे से उन्होंने अकूत संपत्ति अर्जित की. ईडी ने देश के कम से काम पांच राज्यों में अमरेंद्र धारी सिंह की संपत्ति का विवरण जुटाया. उससे साबित हुआ कि वैध कमाई से कई गुणा ज्यादा पैसे की संपत्ति अर्जित की गयी. इसके बाद ही अमरेंद्र धारी सिंह के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉंड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया. इस मामले में ईडी को ठोस सबूत मिले तो आज सुबह अमरेंद्र धारी सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया.