ब्रेकिंग न्यूज़

Tourist Place In Bihar: बिहार को मिला अपना ‘लक्ष्मण झूला’, राज्य का पहला केबल सस्पेंशन ब्रिज तैयार Burdwan Bus Accident: पश्चिम बंगाल के बर्दवान में भीषण सड़क हादसा, बिहार के 10 तीर्थयात्रियों की मौत; दर्जनों घायल Bihar News: पोखर से बरामद हुआ शिक्षक का शव, विवाद के बाद से थे लापता ₹1 लाख करोड़ की रोजगार योजना आज से लागू, लाल किले से PM MODI का बड़ा ऐलान गांधी मैदान से CM नीतीश ने की कई बड़ी घोषणाएं...नौकरी के लिए परीक्षा देने वालों के लिए खुशखबरी, परदेश से घर आने वालों के लिए बड़ी घोषणा, और भी बहुत कुछ जानें... Asia Cup 2025: भारत के स्टार ओपनर को चयनकर्ताओं का झटका, बेहतरीन प्रदर्शन के बावजूद नहीं मिलेगी टीम में जगह Bihar News: गांधी मैदान से CM नीतीश का ऐलान- बताई अपनी प्राथमिकता, पूर्व की सरकार पर भी साधा निशाना Bihar Weather: 15 अगस्त को बिहार के इन जिलों में होगी बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट बाढ़ पीड़ितों के लिए भोजपुर के बड़हरा में भोजन वितरण और सामुदायिक किचन का पांचवां दिन Bihar News: बिहार के इन 46 प्रखंडों में खुलेंगे नए प्रदूषण जांच केंद्र, बिहार सरकार दे रही इतनी सब्सिडी

बिहार राइस मिल घोटाला में ईडी की बड़ी कार्रवाई, मामले का मुख्य आरोपी गिरफ्तार

बिहार राइस मिल घोटाला में ईडी की बड़ी कार्रवाई, मामले का मुख्य आरोपी गिरफ्तार

01-Jul-2020 02:17 PM

DELHI : अभी-अभी बड़ी खबर सामने आ रही है। बिहार राइस मिल घोटाला में ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी मे मामले के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया है।


ईडी ने जगदम्बा फूड कंपनी का मालिक देवेश कुमार को गिरफ्तार किया है। राइस मिल घोटाला में  कंपनी के खिलाफ 20 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। 600 करोड़ से ज्यादा के धान घोटाला में अब तक एक हजार से ज्यादा एफआईआर दर्ज किये गये हैं।


बता दें कि सरकारी धान-चावल को बेचकर कई राइस मिल मालिक रातों-रात करोड़पति बन गए। राज्य खाद्य निगम व अन्य एजेंसियां इंतजार करते रह गई और शातिर मिलर करोड़ों के चावल डकार गए। इनमें सबसे अधिक नालंदा जिले के चावल मिल मालिकों की जालसाजी सामने आई। इसके अलावा मुजफ्फरपुर, दरभंगा और अररिया के भी मिलर शामिल हैं।


प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में जांच में पता चला कि खाद्य निगम से धान लेने के बाद उसे चावल बनाकर आरोपी मिल मालिकों ने बाजार में बेच दिया और करोड़ों रुपए कमाए। इसी ब्लैक मनी की बदौलत उन्होंने अपने साथ ही परिजनों के नाम पर अकूत संपत्ति अर्जित कर ली। घोटाले की राशि को विभिन्न बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों के अलावा विशेषकर रियल एस्टेट में निवेश किया गया ।


गौरतलब है कि सरकार की योजना के तहत चावल मिल मालिकों ने राज्य खाद्य एवं आपूर्ति निगम से धान लिए। इसके बदले उन्हें 67फीसदी चावल निगम को लौटाना था। पर, करोड़ों का धान उठाने के बाद कुछ मिल मालिकों को निगम को ठेंगा दिखा दिया। इसे लेकर 2013 में निगम की ओर से विभिन्न जिलों के पुलिस थाने में आरोपी मिल मालिकों के खिलाफ मामले दर्ज कराए गए थे।