ब्रेकिंग न्यूज़

भ्रष्ट इंजीनियर इनोवा गाड़ी में भरकर ला रहा था नोट..EOU की टीम पीछे-पीछे पहुंच गई घर, S.E. विनोद राय अरेस्ट..पत्नी पर केस, टंकी में छुपाकर रखा 39 लाख बरामद...12.50 लाख का अधजला करेंसी बरामद Bihar Ips Officer: बिहार कैडर के 1 IAS अधिकारी को प्रधान सचिव व दो IPS अफसरों को DG रैंक में प्रोन्नति, सरकार ने जारी की अधिसूचना Bihar DElEd Exam 2025: कल से शुरू होगी DElEd परीक्षा, इसे पहनकर गए तो सेंटर में नहीं मिलेगी एंट्री AIR INDIA : Air India की फ्लाइट अचानक लौटी वापस, मुंबई एयरपोर्ट पर मचा हड़कंप BIHAR JOB : बिहार में इतने पोस्ट के लिए निकली ADEO की बहाली, यहां पढ़ें हर डिटेल्स सासाराम रेलवे स्टेशन पर अमृत भारत एक्सप्रेस का भव्य स्वागत, ड्राइवर और गार्ड को लोगों ने खिलाई मिठाई, माला पहनाकर किया स्वागत EOU RAID : अधीक्षण अभियंता के घर पर रेड, EOU से बचने के लिए पत्नी ने जलाया नोटों का बंडल, फिर भी 35 लाख कैश...करोड़ों के जमीन के कागजात बरामद Governor salary in India: राज्यपाल की कितनी होती है सैलरी? जानें... कौन-कौन सी सुविधाएं मिलती है इस पद पर Bihar Politics: मुंगेर में राहुल और तेजस्वी का भारी विरोध, आंबेडकर की प्रतिमा का करना था अनावरण,लेकिन नहीं रुका काफिला Becoming doctor in USA: बिना रेजिडेंसी अमेरिका में प्रैक्टिस कर सकते हैं भारतीय MBBS डॉक्टर? जानिए...पूरी डिटेल

अब डाकिये ले जाएंगे पुलिस डाक, सॉफ्टवेयर से होगी ट्रैकिंग; जानिए किस वजह से बदला नियम

अब डाकिये ले जाएंगे पुलिस डाक, सॉफ्टवेयर से होगी ट्रैकिंग; जानिए किस वजह से बदला नियम

21-Nov-2023 07:53 AM

By First Bihar

PATNA : पुलिस डाक पहुंचाने की जिम्मेदारी अब सिपाहियों की जगह डाककर्मियों को दे दी गई है। इसको लेकर बिहार पुलिस और केंद्रीय डाक विभाग के बीच एक करार हो चुका है। इसके बाद अब आज यानी मंगलवार से डाकिये पुलिस डाक को पहुंचाने का काम शुरू कर देंगे। हालांकि,इस व्यवस्था की ट्रैकिंग भी की जाएगी ताकि किसी तरह की चूक न हो।


मिली जानकारी के मुताबिक, पुलिस डाक की ट्रैकिंग के लिए पोस्टल मैनेजमेंट सिस्टम सॉफ्टवेयर विकसित किया गया है। इन्हें कार्यालय में बैठकर ही डाक विभाग के पदाधिकारी देख सकेंगे। पुलिस डाक जिस स्तर पर रुकेगा, वहां तुरंत उसकी पहचान की जा सकेगी। इसके साथ ही, समय से उसे संबंधित कार्यालय अथवा पदाधिकारी तक पहुंचाया जा सकेगा।


मालूम हो कि, बिहार में करीब सात हजार डाकघर हैं। इनमें से 1066 डाकघरों को स्थानीय थानों से जोड़कर मैपिंग की गई है। थानों से निकलने वाले पुलिस डाक को स्थानीय डाकघर द्वारा संबंधित कार्यालय के लिए रवाना किया जाएगा। दूसरी ओर अन्य पुलिस पदाधिकारियों के कार्यालय से थानों तक पहुंचने वाले डाक की डिलीवरी सुनिश्चित कराई जाएगी।


आपको बताते चलें कि,अभी तक डाकों का वितरण पुलिस सिपाहियों के द्वारा होता था जिस पर हर वर्ष करीब 60 करोड़ रुपये का खर्च आता है। इसमें एक हजार सिपाही बल भी लगता है। इसके अलावा सिपाहियों को भत्ता आदि का भी भुगतान करना होता है। नई व्यवस्था के बाद यह खर्च घटकर 75 लाख तक आ जाएगा। इससे बिहार पुलिस को करीब 59 करोड़ रुपये की बचत भी होगी।