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14-Aug-2025 02:16 PM
By First Bihar
Ashoka Chakra: हम सभी के लिए 15 अगस्त का दिन बेहद खास होता है। यह दिन सिर्फ आज़ादी का प्रतीक नहीं, बल्कि हमें एकजुटता, बलिदान और कर्तव्य का बोध कराता है। इस दिन देशभर में तिरंगे को सम्मान के साथ फहराया जाता है। लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि हमारे राष्ट्रीय ध्वज यानी तिरंगे के बीच में जो नीले रंग का गोल चक्र होता है, उसका क्या मतलब है? इसे अशोक चक्र कहा जाता है और इसमें कुल 24 तीलियां होती हैं। ये सिर्फ एक डिज़ाइन नहीं, बल्कि गहरे दर्शन और जीवन मूल्यों से जुड़ा प्रतीक है।
अशोक चक्र को 'धर्म चक्र' या कर्तव्य चक्र (Wheel of Duty) भी कहा जाता है। यह चक्र सम्राट अशोक द्वारा अपनाए गए बौद्ध धर्म के सिद्धांतों से प्रेरित है, जिसमें नीति, नैतिकता और मानवता को सबसे ऊपर रखा गया है। हमारे तिरंगे में पहले चरखा हुआ करता था, जो स्वदेशी और आत्मनिर्भरता का प्रतीक था, लेकिन बाद में इसे हटाकर अशोक चक्र को जोड़ा गया, ताकि यह दर्शाया जा सके कि भारत सिर्फ स्वतंत्र नहीं, बल्कि अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक और एकजुट राष्ट्र भी है।
अशोक चक्र की हर एक तीली एक जीवन मूल्य या सिद्धांत का प्रतीक है। ये वे रास्ते हैं जिन पर चलकर कोई भी इंसान, समाज और राष्ट्र तरक्की कर सकता है-
पवित्रता – जीवन में ईमानदारी और स्वच्छता बनाए रखना
सेहत – शरीर और मन दोनों का स्वस्थ रहना
शांति – हिंसा से दूर रहकर प्रेम और सौहार्द को बढ़ावा देना
बलिदान – जरूरत पड़ने पर देश के लिए खुद को समर्पित करना
अच्छे संस्कार – व्यवहार में विनम्रता और शालीनता
सेवा – दूसरों की निःस्वार्थ सहायता करना
माफ करना – दूसरों की गलतियों को क्षमा कर आगे बढ़ना
प्यार – सभी प्राणियों से प्रेमभाव रखना
दोस्ती – समाज में सकारात्मक संबंध बनाना
भाईचारा – सबको एक परिवार की तरह मानना
एकजुटता – विभाजन नहीं, एकता में विश्वास रखना
भलाई – हमेशा दूसरों के हित में सोचना
तरक्की – खुद और देश को आगे बढ़ाना
मेहनत – बिना थके लक्ष्य की ओर बढ़ना
सुरक्षा – देश और समाज की रक्षा के लिए तत्पर रहना
सावधानी – अफवाहों से बचकर सच को पहचानना
बराबरी – जाति, धर्म, भाषा से ऊपर उठकर सबको एक जैसा समझना
पैसे का सदुपयोग – फिजूल खर्ची से बचना
नीति पर विश्वास – देश के कानून और नीतियों पर भरोसा रखना
न्याय – सबके साथ समान व्यवहार करना
मिलजुल कर काम – टीम भावना से देश निर्माण
कर्म – अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन
अधिकारों का सही उपयोग – अपने हक का दुरुपयोग न करना
समझदारी – सोच-समझकर निर्णय लेना
ये तीलियां सिर्फ चक्र नहीं, हमारी चेतना हैं
इन 24 तीलियों का उद्देश्य देशवासियों को उनके अधिकार और कर्तव्यों की याद दिलाना है। यह हमें जाति, धर्म, भाषा, क्षेत्र और विचारधाराओं के भेदभाव से ऊपर उठकर "एक भारत, श्रेष्ठ भारत" की ओर बढ़ने की प्रेरणा देता है। जब भी 15 अगस्त या 26 जनवरी को तिरंगा हवा में लहराता है, तो उसका हर रंग, हर रेखा, और विशेषकर यह चक्र हमें बताता है कि आज़ादी सिर्फ एक दिन का उत्सव नहीं, बल्कि जीवन भर निभाई जाने वाली जिम्मेदारी है।।