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25-Sep-2025 11:34 AM
By First Bihar
BIHAR NEWS : बिहार सरकार युवाओं को आत्मनिर्भर और रोजगारोन्मुख बनाने के लिए लगातार ठोस कदम उठा रही है। राज्य सरकार का मानना है कि यदि युवाओं को सही दिशा और आधुनिक तकनीकी शिक्षा दी जाए, तो वे न केवल अपनी बेरोजगारी की समस्या का समाधान कर सकते हैं, बल्कि राज्य और देश की आर्थिक प्रगति में भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
इसी कड़ी में उद्योग विभाग, बिहार सरकार और भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत संचालित टूल रूम एंड ट्रेनिंग सेंटर (टीआरटीसी), पटना द्वारा नि:शुल्क रोजगारोन्मुखी कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ किया जा रहा है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 6 अक्टूबर से टीआरटीसी, पटना में आयोजित होगा।
इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह पूरी तरह से नि:शुल्क और आवासीय होगा। तीन महीने की प्रशिक्षण अवधि में चयनित अभ्यर्थियों को प्रतिदिन आठ घंटे की नियमित कक्षाएं दी जाएंगी। प्रशिक्षण का संचालन आधुनिक तकनीक और प्रायोगिक शिक्षा के आधार पर किया जाएगा, जिससे विद्यार्थी केवल सैद्धांतिक जानकारी ही नहीं, बल्कि व्यावहारिक अनुभव भी प्राप्त कर सकें।
कार्यक्रम की पारदर्शिता और गंभीरता बनाए रखने के लिए चयनित अभ्यर्थियों से 1000 रुपये कॉशन मनी ली जाएगी। यह राशि प्रशिक्षण पूरा होने के बाद अभ्यर्थियों को वापस कर दी जाएगी। साथ ही, प्रशिक्षण अवधि के दौरान रहने और खाने की पूरी व्यवस्था संस्थान द्वारा की जाएगी। इस सुविधा का उद्देश्य यह है कि आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि से आने वाले विद्यार्थी भी बिना किसी आर्थिक बोझ के इस कार्यक्रम में शामिल होकर लाभ उठा सकें।
प्रशिक्षण में उपलब्ध कोर्स
इस कार्यक्रम के अंतर्गत युवाओं को विभिन्न रोजगारोन्मुखी तकनीकी कोर्स प्रदान किए जाएंगे। इनमें मुख्य रूप से शामिल हैं –
सर्टिफिकेट कोर्स इन सीएनसी लेथ
सर्टिफिकेट कोर्स ऑन सीएनसी मिलिंग
सर्टिफिकेट कोर्स इन टूल एंड डाई मेकिंग
एसी और फ्रिज रिपेयरिंग कोर्स
ये कोर्स युवाओं को आधुनिक उद्योगों और तकनीकी क्षेत्रों में काम करने के लिए सक्षम बनाएंगे। विशेषकर सीएनसी मशीनिंग और टूल एंड डाई मेकिंग जैसे कोर्स आज के औद्योगिक परिदृश्य में अत्यधिक मांग वाले क्षेत्र हैं। वहीं, एसी और फ्रिज रिपेयरिंग जैसे कोर्स युवाओं को स्वरोजगार की दिशा में प्रेरित करेंगे, क्योंकि घरेलू उपकरणों की मरम्मत का क्षेत्र सदैव रोजगार देने वाला रहा है।
पात्रता और आयु सीमा
इन कोर्सों में प्रवेश के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता निर्धारित की गई है। कोर्स संख्या 1 से 3 के लिए अभ्यर्थी का बारहवीं, आईटीआई या डिप्लोमा पास होना आवश्यक है। वहीं, एसी और फ्रिज रिपेयरिंग कोर्स के लिए बारहवीं अथवा आईटीआई (इलेक्ट्रीशियन ट्रेड) पास होना जरूरी है। इसके अतिरिक्त, उम्मीदवारों की आयु न्यूनतम 18 वर्ष और अधिकतम 40 वर्ष होनी चाहिए। यह आयु सीमा दर्शाती है कि यह कार्यक्रम न केवल नए युवाओं के लिए, बल्कि उन लोगों के लिए भी अवसर प्रदान करता है जो किसी कारणवश अब तक नौकरी या कौशल आधारित शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाए।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बिहार के युवाओं को तकनीकी शिक्षा देकर उनके लिए रोजगार और स्वरोजगार के नए द्वार खोलना है। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद अभ्यर्थी निजी उद्योगों में नौकरी प्राप्त कर सकते हैं, सरकारी योजनाओं से जुड़ सकते हैं, स्टार्टअप शुरू कर सकते हैं या स्वरोजगार के माध्यम से आत्मनिर्भर बन सकते हैं।
यह पहल न केवल व्यक्तिगत स्तर पर युवाओं को मजबूत बनाएगी, बल्कि राज्य की समग्र आर्थिक स्थिति को भी सुदृढ़ करेगी। आज के प्रतिस्पर्धी दौर में जहां डिग्री के साथ-साथ कौशल का होना अनिवार्य हो गया है, यह कार्यक्रम युवाओं को वैश्विक मानकों के अनुरूप तैयार करने का एक सशक्त प्रयास है।
बिहार सरकार की यह योजना उन युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर है जो अपने करियर को नई ऊँचाइयों तक ले जाना चाहते हैं। नि:शुल्क, आवासीय और उच्च गुणवत्ता वाले इस प्रशिक्षण से न केवल तकनीकी दक्षता बढ़ेगी, बल्कि आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता भी विकसित होगी। सरकार ने युवाओं से अपील की है कि वे इस अवसर का अधिक से अधिक लाभ उठाएँ और कौशल विकास के जरिए अपने जीवन और करियर को सफल बनाएं।