BIHAR CRIME: मुजफ्फरपुर में अकेली महिला से दुष्कर्म का प्रयास, विरोध करने पर सिर फोड़ा, पैर तोड़ा BIHAR CRIME: मधुबनी में 2 लाख की फिरौती के लिए ट्रक ड्राइवर का अपहरण, 4 घंटे में मामले का उद्भेदन मिथिलांचल के लिए गर्व का क्षण: सुपौल के शिव कुमार मोहनका भारत के टॉप 24 ब्यूरोक्रेट्स में शामिल नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज में 7 दिनों का ADRENEREGY-2k25 , मेडिकल स्टूडेंट दिखा रहे कला और खेल में अपना हुनर Success story: लाखों की नौकरी छोड़ युवक ने उगाई यह फसल, अब पैसों की हो रही खूब बरसात Bihar News: बिहार के इस जिले में प्राकृतिक गैस का भंडार! गंगा तट पर खुदाई को देखने पहुंचने लगे लोग Bihar News : इस फ्लाईओवर के नीचे स्मार्ट सिटी की तर्ज पर होंगे बड़े बदलाव, जानिए.. क्या होगा खास? Bihar News : इस फ्लाईओवर के नीचे स्मार्ट सिटी की तर्ज पर होंगे बड़े बदलाव, जानिए.. क्या होगा खास? Nitish Kumar Birthday: 74 साल के हुए CM नीतीश, JDU नेताओं ने मुख्यमंत्री आवास जाकर अपने नेता को खास अंदाज में दी बधाई Summer farming tips: सागवान-शीशम को कहें बाय बाय, गर्मी के मौसम में खेती से कमाएं मोटा पैसा, सिर्फ करना होगा यह काम
01-Mar-2025 05:54 PM
Summer farming tips: .गर्मी का मौसम शुरू होने वाला है और गेहूं की फसलें भी कटाई के लिए लगभग तैयार हो रही हैं. ऐसे में खेत खाली होने के बाद किसान कम समय में अच्छी कमाई करने के लिए कुछ ऐसी फसलों को खेत में लगा सकते हैं जो कम समय में और कम लागत में तैयार हो जाती हैं. साथ ही किसान को अच्छा मुनाफा भी दे सकती हैं.
गर्मी के मौसम में अपने खेत में मूंग की फसल लगाई जा सकती है, जो कम समय में अधिक फायदा देने वाली फसलों में से एक मानी जाती है.किसान कम समय में ज्यादा कमाई करने के लिए इस खास फसल की खेती कर सकते हैं. ये कुछ ही दिनों में तैयार हो जाती है और छप्परफाड़ कमाई देती है
किसानों के लिए फायदेमंद मूंग की खेती
आजमगढ़ कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक ने बताया कि ज्यादातर किसान गेहूं की खेती करते हैं। लेकिन मूंग की खेती किसानों के लिए एक फायदेमंद विकल्प हो सकता है, खासकर गर्मी के मौसम में गेहूं कटाई के बाद। इसकी कुछ प्रमुख खासियतें हैं:
1. कम समय में तैयार – मूंग की फसल केवल 15-20 दिनों में अंकुरित होकर तेजी से बढ़ती है और 60-70 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है।
2. कम लागत, ज्यादा मुनाफा – गेहूं के बाद खेत खाली रहने के बजाय मूंग की खेती से अतिरिक्त आमदनी हो सकती है।
3. मृदा उर्वरता में सुधार – मूंग नाइट्रोजन फिक्सिंग फसल है, जो मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाती है और अगली फसलों के लिए फायदेमंद होती है।
4. कम पानी की जरूरत – ग्रीष्मकालीन मूंग के लिए 10-15 दिनों के अंतराल पर 4-5 सिंचाईयां पर्याप्त होती हैं।
5. तकनीकी मदद से अधिक उत्पादन – जीरो ड्रिल्स और हैप्पी सीडर जैसी तकनीकों से बिना जुताई के बुवाई की जा सकती है, जिससे समय और श्रम की बचत होती है।
खेती के लिए महत्वपूर्ण सुझाव
उन्नत किस्में चुनें – प्रति हेक्टेयर 25-30 किलो बीज की आवश्यकता होती है।
सही समय पर कटाई – जब फलियां हरी से पीली होने लगें, तभी तुड़ाई करें।
हरी खाद के रूप में उपयोग – मूंग की बची हुई फसल को मिट्टी में मिलाकर जैविक खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। मूंग की खेती से किसान कम समय में ज्यादा कमाई कर सकते हैं और इसे गेहूं की फसल के बाद लगाना एक स्मार्ट रणनीति हो सकती है। अगर इसे सही तकनीकों से किया जाए, तो यह फसल किसानों के लिए ATM जैसी लगातार आमदनी देने वाली साबित हो सकती है।