विजय सिन्हा के ताबड़तोड़ एक्शन से सबसे भ्रष्ट विभाग के अधिकारियों में खलबली: सीएम को लिखा पत्र, सामूहिक बहिष्कार की धमकी

डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा के जन संवाद और सख्त कार्रवाई से राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में हड़कंप मचा है। अंचलाधिकारियों के संघ ने सीएम नीतीश कुमार को पत्र लिखकर सार्वजनिक अपमान का आरोप लगाया है और कार्यक्रमों के सामूहिक बहिष्कार की चेतावनी दी है।

1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Sat, 27 Dec 2025 12:48:38 PM IST

Vijay Kumar Sinha

संघ ने विजय सिन्हा के खिलाफ खोला मोर्चा - फ़ोटो Google

PATNA: बिहार के सबसे भ्रष्ट विभाग माने जाने वाले राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में खलबली मची है. जिलों में घूम घूम कर लोगों की शिकायतें सुन रहे डिप्टी सीएम विजय कुमार सिंह के खिलाफ अंचलाधिकारियों के यूनियन बिहार राजस्व सेवा संघ ने मोर्चा खोल दिया है. संघ ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि डिप्टी सीएम उन्हें सार्वजनिक तौर पर अपमानित कर रहे हैं. अगर ऐसा होता रहा तो सारे अधिकारी उनके कार्यक्रम का बहिष्कार कर देंगे.


बता दें कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का मंत्री बनने के बाद विजय कुमार सिन्हा सार्वजनिक जन संवाद कर रहे हैं. वे जिलों में जाकर अधिकारियों के सामने आम लोगों की शिकायतें सुन रहे हैं. इसमें सीओ से लेकर कर्मचारियों के कारनामे लगातार सामने आ  रहे हैं. विजय कुमार सिन्हा अब तक पटना के अलावा मुजफ्फरपुर, पूर्णिया में जन संवाद कर चुके हैं.


CM को लिखी चिट्ठी 

बिहार राजस्व सेवा संघ (बिरसा) ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर विजय कुमार सिन्हा का ऑन द स्पॉट न्याय का कड़ा विरोध किया है. संघ ने कहा है कि अधिकारियों के साथ बदसलूकी की जा रही है. CM को लिखे गए पत्र में राजस्व अधिकारियों के साथ हो रहे व्यवहार और विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर गहरी नाराजगी जताई गई है.


क्या है शिकायत 

 राजस्व सेवा संघ का कहना है कि डिप्टी सीएम और राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री की ओर से सार्वजनिक मंचों और सोशल मीडिया पर अधिकारियों के विरुद्ध अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया जा रहा है. संघ का कहना है कि लोकप्रियता एवं तात्कालिक तालियों की अपेक्षा में प्रशासनिक मर्यादाओं, प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के विपरीत, संविधान के अनुच्छेद 14 एवं 21 की भावना के प्रतिकूल, संवैधानिक प्रक्रियाओं तथा सेवा नियमों को दरकिनार किया जा रहा है.


ऑन द स्पॉट" न्याय का विरोध

राजस्व सेवा संघ ने कहा है कि "खड़े-खड़े सस्पेंड कर देंगे", "यहीं जनता के सामने जवाब दो", "स्पष्टीकरण लो और तुरंत कार्रवाई करो", "ओन द स्पॉट फैसला होगा" जैसे संवाद किसी संवैधानिक लोकतंत्र के अनुरूप नहीं है. यह भाषा न तो प्रशासनिक विवेक का परिचायक है और न ही विधि के शासन (Rule of Law) की. राजस्व विभाग की वर्तमान "जन संवाद", "फील्ड ट्रायल", "ड्रमहेड कोर्ट मार्शल", या मोब जस्टिस की भाषा लोकतांत्रिक प्रशासन की नहीं, बल्कि तमाशाई शासन शैली की प्रतीक है.


NDA शासन पर ही सवाल

राजस्व सेवा संघ के पत्र में कहा गया है कि यह भी खेदजनक है कि सार्वजनिक बैठकों के दौरान वर्तमान मंत्री अक्सर यह भूल जाते हैं कि पिछले लगभग दो दशकों में अधिकांश समय राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की ही सरकार रही है, और अपने वक्तव्यों में पूर्ववर्ती मंत्रियों एवं विभागीय प्रमुखों के योगदान को नकारते हुए ऐसा आभास कराते हैं मानो पूर्व के सभी मंत्री एवं विभागीय नेतृत्व पूर्णतः निष्क्रिय रहे हों। 


अधिकारियों से भी शिकायत 

राजस्व सेवा संघ को सिर्फ मंत्री से ही नहीं बल्कि आला अधिकारियों से शिकायत है. पत्र में कहा गया है कि सबसे अधिक दुर्भाग्यपूर्ण तथ्य यह है कि इस पूरे तमाशे में विभाग के कुछ वरीय अधिकारी भी सहभागी प्रतीत होते हैं, जिससे यह संदेश जाता है कि संस्थागत संरक्षण के स्थान पर व्यक्तिगत लोकप्रियता को प्राथमिकता दी जा रही है. पत्र में तर्क दिया गया है कि बिहार में भूमि विवाद की समस्या पुरानी है और इसके लिए केवल वर्तमान अंचल अधिकारियों को दोषी ठहराना गलत है.


संघ की प्रमुख मांगें

राजस्व सेवा संघ ने मांग की है कि सार्वजनिक मंचों पर अधिकारियों के विरुद्ध दंडात्मक बयानबाजी को तत्काल बंद किया जाए. विभागीय निगरानी के लिए कानूनी और प्रशासनिक तरीका ही अपनाया जाय. जनता से संवाद के लिए विभागीय मंत्री या प्रधान सचिव स्तर पर अलग व्यवस्था बनाई जाए. राजस्व विभाग की ऐतिहासिक और ढांचागत समस्याओं पर नीति-स्तरीय गंभीर विमर्श हो.


सामूहिक बहिष्कार की चेतावनी

पत्र में स्पष्ट किया गया है कि यदि इन परिस्थितियों में सुधार नहीं हुआ, तो संघ ऐसे कार्यक्रमों का सामूहिक बहिष्कार करने पर मजबूर होगा। यह पत्र मुख्यमंत्री के अलावा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष, मुख्य सचिव और राजस्व विभाग के प्रधान सचिव को भी भेजा गया है।