ठंड आते ही ब्रेन हेमरेज के बढ़े मामले, पारस ग्लोबल हॉस्पिटल के न्यूरोलॉजिस्ट ने बी.पी. के मरीजों को दी सलाह

ठंड आते ही ब्रेन हेमरेज के बढ़े मामले, पारस ग्लोबल हॉस्पिटल के न्यूरोलॉजिस्ट ने बी.पी. के मरीजों को दी सलाह

PATNA : ठंड की शुरूआत होते ही ब्रेन हेमरेज के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. ब्लड प्रेशर के मरीजों एवं बुजुर्गों में ब्रेन हेमरेज की संभावना ज्यादा होती है इसलिए उन्हें इस मौसम में सावधानी से रहना चाहिए. धूप निकलने के बाद ही उन्हें घर से बाहर निकलना चाहिए. शरीर को ठंड से बचाना चाहिए क्योंकि ठंड में ब्लड प्रेशर बढ़ता है. ब्लड प्रेशर की जांच सुबह में दवा खाने से पहले भी करानी चाहिए. 


एक्सपर्ट के मुताबिक बी.पी. की दवा भी नियमित रूप से लेनी चाहिए. सावधानी बरतने के बावजूद अगर किसी को चेहरे पर कमजोरी लगे या चेहरा सूना-सूना लगे, हाथ-पैर में कमजोरी लगे या बोलने में लड़खड़ाहट महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. क्योंकि ये लक्षण लकवा या पैरालिसिस के हो सकते हैं. पारस ग्लोबल हॉस्पिटल, दरभंगा के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. मो. यासीन ने ठण्ड में बी.पी. के मरीज तथा बुजुर्गों को ठंड से बचने की जानकारी दी है. 


उन्होंने कहा कि बी.पी. ज्यादा बढ़ने पर स्ट्रोक हो सकता है जिसमें जान जाने का भी खतरा रहता है. ब्रेन हेमरेज में रक्त नालिका फट जाती है जिससे ब्रेन को खून मिलना बंद हो जाता है. ब्रेन में सूजन आ जाती है और मरीज अचेतावस्था में चला जा सकता है. उन्होंने कहा कि ठंड में नसों में झंझनाहट की बीमारी भी बढ़ जाती है. 


खानपान के बारे में उन्होंने कहा कि बी.पी. के मरीजों को तेल, मसाला, नमक कम खाना चाहिए और चर्बी वाले खाने से परहेज भी करना चाहिए. उन्होंने कहा कि बंद कमरे में बोरसी या आग जलाकर नहीं सोना चाहिए. इससे कार्बन मोनोक्साइड की प्वायजनिंग हो जाती है.