टनल में फंसे मजदूरों को लेकर हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार को घेरा, कहा-मजदूरों को कुछ भी हो जाए इन्हें परवाह नहीं

टनल में फंसे मजदूरों को लेकर हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार को घेरा, कहा-मजदूरों को कुछ भी हो जाए इन्हें परवाह नहीं

RANCHI: उत्तराखंड में निर्माधीन सिलक्यारा सुरंग में 41 मजदूर 15 दिन से फंसे हुए हैं। उत्तरकाशी में सुरंग हादसे में 41 मजदूरों को बचाने के लिए तमाम तरह की जद्दोजहद जारी है। रेस्क्यू ऑपरेशन का आज 15वां दिन है। इधर  झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसे लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड के श्रमिक सुरंग में अभी भी फंसे हुए हैं वे टनल से बाहर कब आएंगे यह किसी को पता नही है? 


झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि झारखंड से बड़े पैमाने पर मजदूरों को भर भर के ले जाकर किसी को लेह लद्दाख में मरवा देता है तो किसी को टनल में ले जाकर मरवा देता है और किसी को भारत की बड़ी-बड़ी योजनाओं में लगा कर जान जोखिम में डलवा देता है। झारखंड के 15 मजदूर आज उत्तराखंड के टनल में फंसा हुआ है। 15 दिनों से वे फंसे हुए हैं अभी तक सुरक्षित नहीं निकल पाये हैं। 


हेमंत सोरेन ने कहा कि मजदूरों को निकालने के लिए विदेशों से एक्सपर्ट को बुलाया जा रहा है लेकिन अभी भी मजदूरों को कुछ पता नहीं चल पा रहा है कि ये मजदूर बाहर निकल पाएंगे की नहीं निकल पाएंगे। हेमंत सोरेन ने कहा कि ई लोग काम तो करता है लेकिन उसका जोखिम गरीब मजदूर किसान आदिवासी दलित को झेलना पड़ता है। 


उन्होंने कहा कि आज इन लोगों ने पूरा उत्तराखंड को चूहों की तरह कुटर कर रख दिया है। आज पूरा उत्तराखंड में कभी ये पहाड़ धस जा रहा है तो कभी वो पहाड़ धस जा रहा है। कोई सुरक्षा मानको का पालन नहीं किया जा रहा है और ये लोग बड़े पैमाने पर इन जोखिम भरे कामो में गरीब पिछड़े राज्यों से मजदूर को धो धोकर ले जाते हैं मजदूरों को कुछ भी हो जाए इन्हें परवाह नहीं।


बता दें कि सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए वर्टिकल ड्रिलिंग की जा रही है जिसमें और पांच दिन का समय लग सकता है। वही मैनुअल काम के लिए रैट माइनर्स के सात मुंबई में सीवर लाइन में काम करने वाले मजदूरों को भी बुलाया गया है।