ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: चालक के साथ बर्बरता के बाद गुस्से में जिला ट्रक ओनर्स एसोसिएशन, कहा "दोषी पुलिस वालों पर एक्शन लो वरना उतरेंगे सड़क पर" Bihar Cabinet Meeting: नीतीश कैबिनेट का बड़ा फैसला...पंचायतों में 8 हजार से अधिक 'लिपिक' की होगी बहाली, जान लीजिए... BJP Campaign: चुनाव बिहार में है, भाजपा 1000 KM दूर प्रचार क्यों कर रही? Patna News: पटना के चार लापरवाह सीओ का वेतन रोकने का आदेश, डीएम त्यागराजन ने मांगा जवाब Patna News: पटना के चार लापरवाह सीओ का वेतन रोकने का आदेश, डीएम त्यागराजन ने मांगा जवाब Bihar crime News: बिरयानी में चिकन लेग पीस मांगने पर हुआ ऐसा बवाल, बुलानी पड़ गई पुलिस; जानिए.. फिर क्या हुआ? Bihar crime News: बिरयानी में चिकन लेग पीस मांगने पर हुआ ऐसा बवाल, बुलानी पड़ गई पुलिस; जानिए.. फिर क्या हुआ? Bihar Panchayat By-election 2025: बज गया पंचायत उपचुनाव का बिगुल, 2,600 से अधिक सीटों पर इस दिन मतदान Road Accident: भीषण सड़क हादसे में 3 की मौत, जांच में जुटी पुलिस Bihar crime : राजधानी पटना से सटे बिक्रम में डबल मर्डर से सनसनी! बाइक और 12 खोखे के साथ मिले दो शव

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- आरक्षण सामाजिक न्याय है मेरिट के खिलाफ नहीं.. नीट PG मामले में कोर्ट का तर्क

1st Bihar Published by: Updated Fri, 21 Jan 2022 08:43:27 AM IST

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- आरक्षण सामाजिक न्याय है मेरिट के खिलाफ नहीं.. नीट PG मामले में कोर्ट का तर्क

- फ़ोटो

DESK : सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण पर ऐतिहासिक फैसला दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आरक्षण मेरिट के खिलाफ नहीं है बल्कि सामाजिक न्याय है.  कोर्ट ने किसी परीक्षा में मेरिट के साथ आरक्षण व्यवस्था लागू किए जाने को सही ठहराया है. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच ने गुरुवार को नीट PG में आरक्षण दिए जाने के खिलाफ दाखिल सभी याचिकाएं खारिज कर दीं. और कहा कि मेरिट के साथ आरक्षण भी दिया जा सकता है. इसे विरोधाभासी नहीं मानना चाहिए.


बता दें सुप्रीम कोर्ट ने नीट PG के मामले में 7 जनवरी को फैसला सुनाया था. अपने फैसले में शीर्ष अदालत ने केंद्र को मेडिकल पाठ्यक्रमों में अखिल भारतीय कोटा सीटों पर ओबीसी को 27 फीसदी और ईडब्ल्यूएस को 10 फीसदी आरक्षण प्रदान करने की अनुमति दी थी. लेकिन कोर्ट ने उस वक्त इस फैसले को लेने के कारण को विस्तार से नहीं बताया था. अब इसे अनुमति देते हुए गुरुवार को कोर्ट ने कहा आरक्षण योग्यता के विपरीत नहीं है बल्कि इसके वितरण प्रभाव को आगे बढ़ाता है.


आपको बता दें सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण के खिलाफ कई याचिकाएं दायर की जा चुकी है. दलील यह थी कि ईडब्ल्यूएस कोटे का लाभ सालाना आय 8 लाख रूपए तक को दी जाती है. जो कि सही नहीं है. दलील देने वाले का तर्क है कि इतनी इनकम वाला परिवार आर्थिक रूप से पिछड़ा नहीं होता. लेकिन इसके जवाब में कोर्ट ने कहा था कि यह मापदंड सही है.


जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच ने अपने फैसले में कहा कि किसी व्यक्ति की आर्थिक या सामाजिक स्थिति ग्रेजुएट होने के बाद नहीं बादल जाती है. इसलिए कमजोर वर्ग को आरक्षण जरूरी है. और कहा कि जब किसी भी पीजी कोर्स के लिए आरक्षण लागू है तो फिर नीट में क्यों नहीं हो सकता. उम्मीदवार की सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमि को भी योग्यता के मामले में ध्यान रखने की जरूरत है. नीट पीजी और यूजी में ओबीसी आरक्षण और ईडब्ल्यूएस आरक्षण संवैधानिक रूप से मान्य है। इसमें अब कोर्ट को दोबारा समीक्षा करने की जरूरत नहीं है.