सृजन घोटाले में सरकार के बड़े अधिकारियों की मिलीभगत, फिर भी कुर्सी पर जमे हैं नीतीश कुमार

सृजन घोटाले में सरकार के बड़े अधिकारियों की मिलीभगत, फिर भी कुर्सी पर जमे हैं नीतीश कुमार

PATNA : सृजन घोटाला मामले में सीबीआई की बड़ी कार्रवाई ने एक बार फिर से बिहार में विपक्ष को नीतीश सरकार पर हमला बोलने का मौका दे दिया है। सीबीआई ने सृजन घोटाला मामले में पूर्व आईएएस अधिकारी केपी रमैया समेत 60 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। केपी रमैया बिहार के बड़े आईएएस अधिकारी रहे हैं और बाद के दिनों में वह जेडीयू के अंदर राजनीतिक तौर पर सक्रिय भी हुए थे। इस मामले को लेकर विरोधी नीतीश सरकार पर हमलावर हैं। 


राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने सृजन घोटाले में सीबीआई की तरफ से चार्जशीट दाखिल किए जाने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी पर सीधा हमला बोला है। कुशवाहा ने कहा है कि सीबीआई ने अरबों रुपए के सृजन घोटाले में सत्तासीन पार्टी के नेताओं और सरकार के बड़े अधिकारियों की मिलीभगत की पुष्टि की है बावजूद उसके मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सुशील मोदी अपनी कुर्सी पर बने हुए हैं। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि इससे दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति और नहीं हो सकती।


आपको बता दें की सीबीआई ने शनिवार को पटना की विशेष अदालत में भारतीय दंड विधान और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं में आरोप पत्र दाखिल किया. सृजन घोटाले की सुनवाई कर रहे विशेष न्यायाधीश प्रजेश कुमार की अदालत में चार्जशीट दायर किया है. सीबीआई ने तीन अलग अलग मामले में चार्जशीट दायर किया है. सीबीआई की ओर से दायर पहले चार्जशीट में 28 लोगों पर घोटाले का आरोप लगाया गया है. इस चार्जशीट में भागलपुर के डीएम रह चुके के पी रमैया, भागलपुर के डिप्टी कलक्टर(नजारत) विजय कुमार, नाजिर अमरेंद्र कुमार यादव के साथ साथ सृजन संस्था की सचिव सरिता झा, अध्यक्ष शुभ लक्ष्मी प्रसाद, बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य प्रबंधक शंकर प्रसाद दास, संयुक्त प्रबंधक वरुण कुमार, शाखा प्रबंधक गोलक बिहारी पांडा, शाखा प्रबंधक आनंद चंद्र गदाई शामिल हैं. चार्जशीट में सृजन संस्था की संस्थापक सचिव मनोरमा देवी का भी नाम शामिल है. हालांकि उनकी मौत हो चुकी है. 


CBI की ओर से दायर किये गये दूसरे चार्जशीट में 13 लोगों पर घोटाले का आरोप लगाया गया है. इनमें सृजन संस्था की प्रबंधक सरिता झा, अध्यक्ष शुभ लक्ष्मी प्रसाद, इंडियन बैंक के शाखा प्रबंधक सुरजीत राहा, बैंक ऑफ बड़ौदा के शाखा प्रबंधक आनंद चंद्र गदाई शामिल हैं. इस मामले में भी सीबीआई ने सृजन संस्था की संस्थापक सचिव मनोरमा देवी को आरोपी बनाया है लेकिन उनकी मौत हो चुकी है.


सीबीआई ने सृजन घोटाले के एक और मामले में पूरक आरोप पत्र दाखिल किया है. पहले इस मामले में 7 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर किया गया था. अब पूरक आरोप पत्र में इंडियन बैंक के मुख्य प्रबंधक देव शंकर मिश्रा, बैंक ऑफ बड़ौदा के शाखा प्रबंधक शंकर प्रसाद दास, सृजन की सचिव सरिता झा और रजनी प्रिया तथा अध्यक्ष शुभ लक्ष्मी देवी समेत 19 लोगों को आरोपी बनाया गया है. गौरतलब है कि भागलपुर में 2008 से 2014 के बीच सृजन घोटाले को अंजाम दिया गया. सरकारी खजाने से धोखाधड़ी और जालसाजी कर अरबों रूपये की हेराफेरी की गयी. इस मामले की जांच पहले बिहार पुलिस की टीम कर रही थी. लेकिन 2017 में मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गयी. सीबीआई ने  तक 25 मामलों में चार्जशीट दायर किया है.