शिक्षकों के लिए खुशखबरी, वेतनमान पर बिहार सरकार ने लिया बड़ा फैसला

1st Bihar Published by: Updated Wed, 22 Apr 2020 11:56:52 AM IST

शिक्षकों के लिए खुशखबरी, वेतनमान पर बिहार सरकार ने लिया बड़ा फैसला

- फ़ोटो

PATNA : बिहार के लगभग चार लाख नियोजित शिक्षक समान काम समान वेतन और समान सेवाशर्त की मांग को लेकर लगातार हड़ताल पर बनी हुई है। सरकार उनसे वार्ता को तैयार नहीं है लेकिन इस बीच प्राइमरी स्कूल के उन शिक्षकों के लिए खुशखबरी है जिन्होनें सेवा के 12 साल पूरे कर लिए हैं।

इसको भी पढ़ें: DGP गुप्तेश्वर पांडेय ने चौकीदार से मांगी माफी, बोले.. जो आपके साथ हुआ उसका मुझे बहुत अफसोस है

बिहार सरकार के प्राइमरी स्कूलों में जिला संवर्ग के सहायक शिक्षकों को 12 वर्ष की सेवा पूरी होने पर मैट्रिक ट्रेंड वेतनमान दिया जायेगा। प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ रणजीत कुमार सिंह ने सभी डीईओ को निर्देश दिया है कि मैट्रिक ट्रेंड वेतनमान की मूल कोटि पर 31 दिसंबर, 1995 तक नियुक्त वैसे शिक्षक, जिन्होंने अनट्रेंड रहने के बावजूद मैट्रिक से उच्च योग्यता रहने की वजह से मैट्रिक ट्रेंड का वेतनमान प्राप्त किया हो, को नियुक्ति की तिथि से 12 साल पूरा होने पर ही मैट्रिक प्रशिक्षित वेतनमान देय होगा। साथ ही इस कोटि के शिक्षकों को पूर्व में मैट्रिक ट्रेंड का वरीय वेतनमान स्वीकृत है और इस आदेश से मैट्रिक प्रशिक्षित का वरीय वेतनमान की तिथि में संशोधन अपेक्षित है।


गौरतलब है कि पटना हाइकोर्ट ने बिहार सरकार को निर्देश दिया था कि ट्रेनिंग खत्म होने की तारीख से शिक्षकों को ट्रेंड शिक्षक को वेतनमान का लाभ दे। न्यायमूर्ति प्रभात कुमार झा की एकलपीठ ने रंजीत कुमार और अन्य 23 की ओर से दायर रिट याचिका को निष्पादित करते हुए यह निर्देश दिया था। कोर्ट ने बिहार सरकार को इन याचिकाकर्ताओं को ट्रेंड पे- स्केल का लाभउक्त ट्रेनिंग की परीक्षा का रिजल्ट निकलने के डेट से देने के बजाए  ट्रेनिंग खत्म होने की तारीख से देने का निर्देश दिया था।


याचिका में कहा गया था कि सभी याचिकाकर्ता अपने सेवाकाल के दो वर्षीय प्रशिक्षण को 2017 में पूरा कर लिया था, लेकिन इनके प्रशिक्षण की परीक्षा 2018 में हुई थी और रिजल्ट 2019 में निकला। कोर्ट से कहा गया था कि सरकार की गलती के कारण परीक्षा और रिजल्ट में हुई देरी का खामियाजा शिक्षक न भुगतें और उन्हें ट्रेंड पे स्केल का लाभ प्रशिक्षण खत्म होने की तारीख से देने का निर्देश सरकार को दिया जाये, जिसे कोर्ट ने मान लिया था।