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1st Bihar Published by: ASMIT Updated Thu, 26 Aug 2021 05:57:23 PM IST
PATNA: शिक्षा विभाग ने आज एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। इस फैसले के तहत जिन जिलों के महाविद्यालयों में पीजी की पढ़ाई नहीं हो रही है। उन महाविद्यालयों में पीजी की पढ़ाई शुरू करने की अनुशंसा यदि विश्वविद्यालय के द्वारा की जाती है तब सरकार इसे प्राथमिकता से लेगी और पीजी की पढ़ाई प्रारंभ करने की अनुमति प्रदान करेगी। इस बात की जानकारी बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने दी है।
पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा लिए गये फैसले के मुताबिक हर पंचायतों में एक प्लस टू विद्यालय खुल रहा है। वही हर अनुमंडल में एक डिग्री कॉलेज की स्थापना हो रही है। अब विभाग ने यह बड़ा फैसला लिया है कि हर जिले में कम से कम एक महाविद्यालय में पीजी की पढ़ाई होगी।
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री भी चाहते है कि उच्च शिक्षा में विस्तार हो और इसमें सुधार लायी जाए। दूसरी ओर जो सकल नामांकन अनुपात है उसकी बेहतरी के लिए भी काम हो। सकल नामांकन अनुपात अभी करीब साढे 14 प्रतिशत के ऊपर है। इसे सरकार लगभग 30 प्रतिशत तक पहुंचाना चाहती है। इसके लिए हमने यह निर्णय लिया है कि हर जिले में पीजी की पढाई शुरू करेंगे।
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि 10 जिलों की पहचान की गयी है जहां पीजी की पढ़ाई नहीं हो रही है। दस में से दो जिलें ऐसे हैं जहां से पीजी की पढ़ाई शुरू करने का प्रस्ताव मिला है। बीएसएस कॉलेज सुपौल और केकेएम कॉलेज जमुई के प्रस्ताव पर हमलोगों ने निर्णय भी लिया है। इसके लिए स्वीकृति प्रदान करने की कार्रवाई पूरी कर ली गयी है।