गया में सिंदूर महायज्ञ ने रचा इतिहास: अब तक 8 करोड़ आहुतियाँ, विकास और सनातन पर जोर आरा में संत सम्मेलन का भव्य आयोजन, अजय सिंह ने धर्म-संस्कृति पर दिया जागरूकता का संदेश नीतीश की योजनाओं का क्रेडिट ले रहे तेजस्वी यादव, बोले मंगल पांडेय..लालू परिवार ने किसी का भला नहीं किया 26 जून के छात्र-युवा संवाद को लेकर भोजपुर से जागरूकता रथ रवाना, रथयात्रा से गांव-गांव तक जागरूकता अभियान की शुरुआत नीतीश के गृह क्षेत्र में मुकेश सहनी ने किया वादा, कहा..हमारी सरकार बनी तो निषाद के खाते में 3 महीने तक दिया जाएगा ₹5000 बम की धमकी से मचा हड़कंप: यूके से दिल्ली आ रही एयर इंडिया फ्लाइट की सऊदी अरब में इमरजेंसी लैंडिंग Life Style: जब उम्मीद बाकी हो, तो कोशिशें चमत्कार कर सकती हैं; जानिए... राजा की कहानी परमानंदपुर पंचायत में VIP नेता संजीव मिश्रा का जनसंपर्क अभियान, बोले..अब गांव की सरकार गांव के लोगों के हाथ में होनी चाहिए Road Accident: आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे सड़क हादसे में बिहार के युवक की मौत, बिजनेस के सिलसिले में गए थे दिल्ली Bihar Crime News: दरभंगा में आधी रात भीषण डकैती, परिवार को बंधक बना बदमाशों ने की जमकर लूटपाट
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 05 Aug 2024 08:52:21 PM IST
- फ़ोटो
PATNA: अनारक्षित पदों से आरक्षण न देकर सीधी भर्ती में 10 फीसदी आरक्षण आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को देने के मामले पर आज पटना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। बिहार तकनीकी सेवा आयोग और राज्य सरकार को हाई कोर्ट ने तलब किया है।
पटना हाई कोर्ट ने चार हफ्ते के अंदर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। अजय कुमार लाल व अन्य की याचिका पर पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के. विनोद चन्द्रन एवं न्यायाधीश नानी तागिया की खंडपीठ ने सुनवाई की और बिहार तकनीकी सेवा आयोग और राज्य सरकार को यह आदेश दिया।
याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि EWS के अनारक्षित अभ्यर्थियों के लिए उपलब्ध पदों पर आरक्षण न देकर सीधी भर्ती में 10 प्रतिशत आरक्षण राज्य सरकार दे रही है। सीधी भर्ती में आरक्षण देने को उन्होंने गलत बताया और सरकार के नियम-4 को चुनौती देते हुए इसे रद्द करने की मांग की।