PATNA : जिनको धर्म ग्रंथ के अंतर पोटेशियम साइनाइड दिखता है वह अपने विचारधारा अपने तक ही सीमित रखें। यह हमारी पार्टी और विपक्षी दलों की गठबंधन यानी आईएनडीआईए की विचारधारा नहीं हो सकती है। क्या बात है जदयू के तरफ से सरकार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर द्वारा रामचरितमानस कल लेकर किए गए विवादित टिप्पणी पर कही गई है।
दरअसल, सूबे के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर लगातार सनातन संस्कृति और सनातन धर्म ग्रंथो को लेकर विवादित बयानबाजी करते रहते हैं। ऐसे में अब उन्होंने हिंदी दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में रामचरितमानस की तुलना पोटेशियम साइनाइड से करते हुए कहा कि - इसमें जो बातें हैं वह पोटेशियम साइनाइड की तरह है और जब तक यह रहेगा तब तक मैं इसका विरोध करता रहूंगा। ऐसे में अब उनके इस बयान को लेकर बिहार की राजनीतिक सरगर्मी में फिर से तेज हो गई है। इस बीच अब जेडीयू के तरफ से शिक्षा मंत्री के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया जारी की गई है।
जेडीयू के प्रवक्ता ने कहा है कि - रामचरितमानस हो, गुरु ग्रंथ साहिब हो या फिर कुरान शरीफ हो या फिर बाइबिल हो हम सभी धर्म ग्रंथो के आदर और सम्मान करते हैं यह सारी चीज आस्था का विषय है। हमारा देश बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के बने संविधान पर चलता है। जहां हर जाति धर्म के लोगों को समान अधिकार प्राप्त है। कोई भी व्यक्ति किसी भी धर्म में आस्था रखकर अपना काम कर सकता है। हम सब का सम्मान करते हैं। तो जिनको धर्म ग्रंथ के अंदर पोटेशियम साइनाइड नजर आता है वह अपने विचारधारा अपने तक सीमित रखें।
इसके आगे उन्होंने कहा कि - शिक्षा मंत्री के बयान का आना तो जल्दी समर्थन करती है और ना ही विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए का ऐसा कोई विचारधारा नहीं है। हम सब का सम्मान करते हैं। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि कुछ लोग मीडिया की टीआरपी पाने के लिए सुर्खियों में बने रहने के लिए अपनी इस तरह की विचारधारा को थोपते रहते हैं जो कहीं से भी उचित नहीं है।