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1st Bihar Published by: Updated Fri, 10 Sep 2021 03:58:47 PM IST
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PATNA: खतरनाक वायरस H1N1 का संक्रमण पटना में फैलने लगा है। पूरी दुनियां में तबाही मचाने के बाद स्वाइन फ्लू ने राजधानी पटना में दस्तक दी है। पारस हॉस्पिटल में स्वाइन फ्लू से एक संक्रमित मरीज की शुक्रवार की दोपहर मौत हो गयी है।
मृतक की पहचान फुलवारीशरीफ के बिरला कॉलोनी के रहने वाले 58 वर्षीय अरविंद के रूप में हुई है। बताया जाता है कि 4 सितंबर को उन्हें राजा बाजार स्थित पारस हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। वही पारस में ही स्वाइन फ्लू के 2 मरीजों का इलाज जारी है।
खतरनाक वायरस H1N1 की चपेट में आए और भी कई मरीज पारस हॉस्पिटल इलाज के लिए पहुंचे हैं। पटना के पारस हॉस्पिटल के सुपरिटेंडेंट डॉ. आसिफ ने संक्रमण की पुष्टि कर दी है। स्वाइन फ्लू के H1N1 वायरस की पुष्टि से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है।
गौरतलब है कि स्वाइन फ्लू एक तेजी से फैलने वाली संक्रामक बीमारी है जिससे बचने के लिए सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। यहां जानिए स्वाइन फ्लू के कारण लक्षण और उपचार -
स्वाइन फ्लू के लक्षण हैं क्या?
1. स्वाइन फ्लू एक तीव्र संक्रामक रोग है, जो एक विशिष्ट प्रकार के एंफ्लुएंजा वाइरस (H1N1) के द्वारा होता है।
2. प्रभावित व्यक्ति में सामान्य मौसमी सर्दी-जुकाम जैसे ही लक्षण होते हैं।
* जैसे नाक से पानी बहना या नाक बंद हो जाना
* गले में खराश
* सर्दी-खांसी
* बुखार
* सिरदर्द, शरीर दर्द, थकान, ठंड लगना, पेटदर्द
* कभी-कभी दस्त उल्टी आना
* कम उम्र के व्यक्तियों, छोटे बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं को यह तीव्र रूप से प्रभावित करता है
*इसका संक्रमण रोगी व्यक्ति के खांसने, छींकने से निकली हुई द्रव की बूंदों से होता है। रोगी व्यक्ति मुंह या नाक पर हाथ रखने के पश्चात जिस भी वस्तु को छूता है पुन: उस संक्रमित वस्तु को स्वस्थ व्यक्ति द्वारा छूने से रोग का संक्रमण हो जाता है।
*संक्रमित होने के पश्चात 1 से 7 दिन के अंदर लक्षण उत्पन्न हो जाते हैं।
स्वाइन फ्लू होने की किसे अधिक संभावना : कमजोर व्यक्ति, बच्चे, गर्भवती महिलाएं, वृद्धजन एवं जीर्ण रोगों से ग्रसित व्यक्ति।
स्वाइन फ्लू से बचाव कैसे करें?
1. खांसी, जुकाम, बुखार के रोगी दूर रहें।
2. आंख, नाक, मुंह को छूने के बाद किसी अन्य वस्तु को न छुएं व हाथों को साबुन/ एंटीसेप्टिक द्रव से धोकर साफ करें।
3. खांसते, छींकते समय मुंह व नाक पर कपड़ा रखें।
4. सहज एवं तनावमुक्त रहिए। तनाव से रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता कम हो जाती है जिससे संक्रमण होने की संभावना बढ़ जाती है।
5. स्टार्च (आलू, चावल आदि) तथा शर्करायुक्त पदार्थों का सेवन कम करिए। इस प्रकार के पदार्थों का अधिक सेवन करने से शरीर में रोगों से लड़ने वाली विशिष्ट कोशिकाओं (न्यूट्रोफिल्स) की सक्रियता कम हो जाती है।
6. दही का सेवन नहीं करें, छाछ ले सकते हैं। खूब उबला हुआ पानी पीयें व पोषक भोजन व फलों का उपयोग करें।
7. सर्दी-जुकाम, बुखार होने पर भीड़भाड़ से बचें एवं घर पर ही रहकर आराम करते हुए उचित (लगभग 7-9 घंटे) नींद लें।