PATNA : दो दिन पहले अभिराम शर्मा और दिनेश शर्मा की हत्या अलग-अलग जगहों पर कर दी गई थी। दोनों चाचा भतीजा की हत्या के मामले में पुलिस अब तक बड़ी सफलता हासिल नहीं कर पाई है। पटना के नीमा गांव में वर्चस्व की लड़ाई को लेकर हुए खूनी खेल के मामले में पांडव सेना के सरगना संजय की तलाश पुलिस अभी भी कर रही है लेकिन हाथ खाली है। चौबीस घंटे से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन अबतक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। नामजद आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए एसएसपी के निर्देश पर मसौढ़ी के एएसपी वैभव शर्मा के नेतृत्व में स्पेशल टीम बना दी गई। इस मामले में रंगदारी सेल और एसटीएफ की भी मदद ली जा रही है।
हत्याकांड के फरार आरोपियों और शूटरों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने अलग-अलग 8 ठिकानों पर छापेमारी की। जहानाबाद मसौढ़ी, बख्तियारपुर, आरा, औरंगाबाद में भी छापेमारी की गई है। गिरफ्तारी को लेकर धनरुआ के नीमा, मसौढ़ी थाने के तारेगना, बिहटा, जहानाबाद समेत संभावित ठिकानों पर छापेमारी की गई। हत्याकांड को लेकर पुलिस ने दो महिलाओं समेत आधा दर्जन को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। हालांकि पुलिस किसी गिरफ्तारी से साफ इनकार कर रही है। बुधवार को चर्चा थी कि पुलिस ने नामजद आरोपित पांडव गिरोह के सरगना संजय सिंह को पकड़ लिया है, लेकिन एसएसपी डॉ. मानवजीत सिंह ढिल्लो ने इसे खारिज किया।
नीमा में ये अदावत तीन दशक पुरानी बताई जाती है। बताया जा रहा है की दो साल पहले पांडव सेना के सरगना संजय सिंह पर हमला हुआ था। हमले की तारीख के ठीक दो साल बाद 26 अप्रैल 2022 को मसौढ़ी और जहानाबाद में चाचा-भतीजे की हत्या कर दी गई। दरअसल एक दशक पहले रंगदारी वसूली और हत्याओं के लिए चर्चित पांडव सेना गिरोह के सरगनाओं में से एक नीमा गांव निवासी संजय सिंह पर बीते 26 अप्रैल 2020 को जानलेवा हमला नदवां बाजार में हुआ था। इसमें गोली लगने से संजय सिंह गंभीर रूप से घायल हो गये थे। जानलेवा हमले के दो साल बाद 26 अप्रैल 2022 को बेखौफ शूटरों ने नीमा गांव निवासी और अरवल से बीजेपी के पूर्व विधायक रहे चितरंजन शर्मा के चचेरे चाचा अभिराम शर्मा की जहानाबाद में और चचेरे भाई दिनेश शर्मा की हत्या मसौढ़ी में कर दी।