DELHI: अब तक कानूनी दांव-पेंच लगाकर बच रहे निर्भया के गुनहगार अब फांसी से बच नहीं पाएंगे. निर्भया के दोषियों की फांसी में हो रही देरी पर उठ रहे सवाल के बीच केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करके जेल मेन्युअल की कमियों को दूर करने की अपील की है.
केंद्र सरकार ने कहा कि पुनर्विचार याचिका खारिज होने के बाद क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल करने के लिए भी सुप्रीम कोर्ट एक निश्चित समय तय कर दे. क्यूरेटिव पिटीशन खारिज होने के बाद दया याचिका लगाने के लिए सिर्फ सात दिन और दया याचिका खारिज होने के बाद फांसी चढ़ाने के लिए भी सिर्फ सात दिन दिए जाएं. साथ ही इस बात को कोई अहमियत न दी जाए कि साथी दोषियों की कौन सी याचिका कहां, क्यों और कैसे लंबित है.
आपको बता दें कि निर्भया के चारों दोषियों को 1 फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी पर लटकाने के लिए डेथ वारंट जारी हो चुका है. लेकिन फिर बचे हुए तीन अपराधियों में किसी की भी ओर से दया याचिका लगाई जा सकती है. इसलिए केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि वो जेल मैन्युअल में बदलाव करके याचिका दाखिल करने की डेडलाइन तय करे.