DESK : एक कहावत बड़ी पुरानी है कि समय का कद्र कीजिए फिर समय आपका कद्र करेगा। लेकिन, एक नेता जी को शायद यह कहावत मालूम नहीं था। जैसी एक आम सी धारना आम लोगों के मन में बनी हुई है की अमूमन कोई भी नेता समय के पाबंद नहीं होते। लेकिन, अब यही आदत एक नेता जी को काफी महंगा पड़ गया और अपनी लेट-लतीफी के कारण चुनावी दंगल में खुद की ताकत नहीं दिखा पाएंगे। आइए जानते हैं कि पूरी कहानी क्या है ?
दरअसल, महाराष्ट्र की नागपुर सेंट्रल सीट पर जमकर ड्रामा हुआ। खबर है कि कांग्रेस के पूर्व नेता और राज्य सरकार में मंत्री रह चुके अनीस अहमद महज कुछ मिनटों की देरी होने के चलते नामांकन दाखिल नहीं कर सके। हालांकि, उन्होंने इसके लिए कई परेशानियों का हवाला दिया, लेकिन उनका नामांकन अधिकारियों ने स्वीकार नहीं दिया। इस वजह से अब वह चुनावी दंगल से बाहर हो गए हैं।
जानकारी के मुताबिक कांग्रेस से 4 दशक पुराना नाता तोड़कर VBA यानी वंचित बहुजन अघाड़ी में शामिल नेता अनीस अहमद ने कहा कि '3 बजे की डेडलाइन चूक जाने के कारण रिटर्निंग अधिकारी ने मेरा नामांकन स्वीकार नहीं किया।' कहा जा रहा है कि सुबह से लेकर नामांकन के अंतिम समय तक अहमद की गैरमौजूदगी के चलते कई तरह की अटकलें लगती रहीं।
अहमद ने बताया कि उन्होंने रोड बंद होने, वाहन की परेशानी, सुरक्षा प्रोटोकॉल और ऐन मौके पर दस्तावेजों के काम समेत कई परेशानियों का सामना किया है। उन्होंने इस दौरान घुटने में चोट की भी बात कही है। उन्होंने कांग्रेस से निकल वीबीए में जाने के लिए मुंबई यात्रा में समय लगने की भी बात कही है। अखबार के अनुसार, उन्होंने कहा, 'NOCs लेते, सर्टिफिकेट हासिल करते, राष्ट्रीयकृत बैंकों खाते खुलवाने में मुझे 2:30 बज गए।'
इधर अब नागपुर सेंट्रल सीट से वीबीए को प्रतिनिधित्व नहीं मिला है, जिसका फायदा कांग्रेस को मिल सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, कई लोग इसे चुनावी मैदान में उतरने से बचने की चाल बता रहे हैं। अहमद सोमवार को मुंबई में VBA में शामिल हो गए। पार्टी प्रमुख प्रकाश आंबेडकर की उपस्थिति में अहमद को पार्टी में शामिल किया गया और वीबीए ने राज्य विधानसभा चुनाव में नागपुर मध्य निर्वाचन क्षेत्र से उनकी उम्मीदवारी की घोषणा की।