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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 18 Oct 2023 06:44:40 AM IST
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PATNA : शारदीय नवरात्रि के चौथे दिन मां के कूष्मांडा स्वरूप की पूजा अर्चना की जाती है। इन्हें सौरमंडल की अधिष्ठात्री देवी भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि मां के कुष्मांडा रूप की पूजा अर्चना करने से सभी प्रकार के दुखों का नाश होता है।
नवरात्रि के चौथे दिन माता कूष्मांडा देवी की पूजा अर्चना करने के लिए सबसे पहले सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके पीले वस्त्र पहनें. पूजा के दौरान देवी मां को पीला चंदन, कुमकुम, मौली और अक्षत चढ़ाएं और एक पान के पत्ते को ओम बृं बृहस्पतये नमः मंत्र बोलते हुए माता को चढ़ाएं. इस बीच ॐ कूष्माण्डायै नम: मंत्र का जाप करें और पूजा करने के बाद दुर्गा सप्तशती का पाठ भी करें।
वहीं, मां कुष्मांडा को मालपुए का भोग लगाएं। इससे बुद्धि, यश और निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि होगी। मालपुए का भोग लगाने के बाद स्वयं खाएं और ब्राह्मण को भी दें।
मां कूष्मांडा मंत्र
- ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
- या देवी सर्वभूतेषु माँ कूष्मांडा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
- ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै