Durga puja: नवरात्रि पर बना शुभ संयोग, पहले दिन ऐसे करें पूजन और कलश स्थापना

Durga puja: नवरात्रि पर बना शुभ संयोग, पहले दिन ऐसे करें पूजन और कलश स्थापना

PATNA : शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू हो रहे हैं और इस बार नवरात्रि पर बेहद शुभ संयोग भी बन रहा है। माता के आगमन के लिए नौ दिन के त्योहार की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। नवरात्र 3 अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक चलेंगे और 12 को दशहरा का पर्व मनाया जाएगा। ऐसे में आइए जानते हैं किस दिन कौन सी माता की पूजा की जाएगी।


दरअसल, अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 2 अक्टूबर की रात 12:18 मिनट से शुरू होगी। इस तिथि का समापन 3 अक्टूबर को देर रात 2:58 पर होगा। उदया तिथि अनुसार गुरुवार 3 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र की शुरुआत होगी। कलश स्थापना का मुहूर्त कन्या लग्न में सुबह 6 बजे से लेकर सुबह 7:05 तक है। वहीं, अभिजीत में मुहूर्त सुबह 11:31 से लेकर दोपहर 12:19 तक है।


वहीं, महावीर पंचांग के अनुसार इस बार चतुर्थी तिथि की वृद्धि होने से यह तिथि दो दिन 6 और 7 अक्टूबर को मनाई जाएगी। वहीं नवमी तिथि का क्षय होने पर महाअष्टमी और महानवमी का व्रत 11 अक्टूबर को रखा जाएगा।


किस दिन किसकी पूजा

3 अक्टूबर को प्रतिपदा पर माता शैलपुत्री

4 अक्टूबर को द्वितीया पर ब्रह्मचारिणी

5 अक्टूबर को तृतीया पर चंद्रघंटा का पूजन

6 व 7 अक्टूबर को चतुर्थी पर माता कुष्मांडा का पूजन

8 अक्टूबर को पंचमी तिथि पर स्कंदमाता का पूजन

9 अक्टूबर को षष्ठी तिथि पर मां कात्यायनी का पूजन

10 अक्टूबर को सप्तमी तिथि पर माता कालरात्रि का पूजन

11 अक्टूबर को अष्टमी और नवमी दोनों पर माता महागौरी व सिद्धिदात्री का पूजन किया जाएगा।

पूजा की विधि

नवरात्रि की शुरुआत में घर या मंदिर में कलश स्थापना करें। मां दुर्गा का आह्वान करें और उनको धूप, दीप, अक्षत, पुष्प और प्रसाद अर्पित करें। नारियल, शृंगार और चुनरी मां को अत्यंत प्रिय है, उन्हें अर्पित करें। दुर्गा सप्तशती, देवी महात्म्य, और गायत्री चालीसा का पाठ करें।

अगर मंत्र जाप का कोई संकल्प लिया है तो रोजाना संकल्पित जाप करें। दुर्गा-आरती करें और अंत में फलाहार प्रसाद वितरित करें। अपनी सामर्थ्य के अनुसार नवरात्रि में उपवास रख सकते हैं।