मुजफ्फरपुर के SDM को मिली जान से मारने की धमकी, जदयू का पूर्व नेता गिरफ्तार Bihar News: बिहार में टंकी की सफाई के दौरान तीन मजदूरों की दर्दनाक मौत, दम घुटने से गई जान Bihar News: बिहार में टंकी की सफाई के दौरान तीन मजदूरों की दर्दनाक मौत, दम घुटने से गई जान Bihar Crime News: बिहार में अपराधियों को गिरफ्तार करने गई पुलिस टीम पर फायरिंग, बाल-बाल बचे थानेदार Bihar Crime News: बिहार में अपराधियों को गिरफ्तार करने गई पुलिस टीम पर फायरिंग, बाल-बाल बचे थानेदार Bihar News: शिवम हायर एजुकेशन फाउंडेशन और पटेल नर्सिंग कॉलेज में हुआ भव्य स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन Bihar News: कोर्ट में गवाही कराने के लिए बिहार में जल्द शुरू होगी ऑनलाइन एप की सुविधा, लंबित मामलों के निपटारे में आएगी तेजी Bihar News: कोर्ट में गवाही कराने के लिए बिहार में जल्द शुरू होगी ऑनलाइन एप की सुविधा, लंबित मामलों के निपटारे में आएगी तेजी अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि समारोह में बिहार की बेटियों ने गाया मैथिली भजन, मुरीद हो गए पीएम मोदी अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि समारोह में बिहार की बेटियों ने गाया मैथिली भजन, मुरीद हो गए पीएम मोदी
1st Bihar Published by: Updated Thu, 05 May 2022 08:07:43 AM IST
- फ़ोटो
MUZAFFARPUR : मुजफ्फरपुर जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां सदर अस्पताल के नाम पर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाया जाता है। इस मामले की पोल उस वक्त खुली जब प्राथमिक विद्यालय बालक मनियारी में नामांकन के लिए आये जन्म प्रमाण पत्र की जांच की गई। उपाधीक्षक डा.एन के चौधरी ने बताया कि उनके पास सदर अस्पताल के नाम पर बना हुआ एक प्रमाण पत्र आया है। जब इसकी जांच प्रबंधक से कराई गई तो पता चला कि यह प्रमाण पत्र यहां से नहीं बनाया गया है और उस पर जो हस्ताक्षर है वह उनका नहीं है। उन्होंने कहा कि जिस स्कूल में नामांकन के लिए प्रमाण पत्र दिया गया था, वहां के स्कूल प्रशासन ने अभी तक कांटेक्ट नहीं किया है।
मामले के संदर्भ में बताया जा रहा है कि कुढ़नी प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय बालक मनियारी में नामांकन के लिए पंचानवे प्रतिशत से ज्यादा बच्चों का जन्म एक जनवरी को ही हुआ साल भले ही अलग अलग हैं। हैरानी की बात तो यह है कि प्रधान शिक्षक के पास नामांकन के लिए जब जन्म प्रमाणपत्र आने लगे तो ज्यादातर में जन्म की तारीख एक जनवरी ही लिखी हुई थी। नामांकन से पहले जब विद्यालय के प्रधानाध्यपक को इसकी भनक लगी, उसने अपने स्तर से जांच की। इसके बाद उपाधीक्षक सदर अस्पताल को सूचना दी गई। तभी फ़र्ज़ी प्रमाण पत्र का खुलासा हुआ।
बता दें, कई विद्यालय ऐसे हैं, जहां नामांकन एक जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर हो रहा है। प्रधानाध्यापक ने बताया कि सदर अस्पताल को पत्राचार किया गया है। शिक्षा विभाग के वरीय अधिकारी को इसकी सूचना दी गई है। अब इस मामले के बाद कयास लगाये जा रहे हैं कि फर्जी जन्म प्रमाणपत्र के आधार पर एक छात्र का नामांकन एक से अधिक विद्यालय में कराया जा रहा है। मतलब यह है कि सरकार की तरफ से जो पोशाक राशि, मध्यान भोजन राशि मिलती है, उसका लाभ फर्जी तरीके से एक से अधिक जगहों से उठाया जा रहा है।